लखनऊ
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य में सभी स्कूलों और कॉलेजों को 22 मार्च तक बंद करने का ऐलान किया गया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में कोरोना वायरस के मसले पर बैठक हुई, इसमें कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वायरस को महामारी घोषित नहीं किया है, लेकिन उसके कुछ एक्ट को इस दौरान लागू किया जाएगा.
स्कूल बंद, लेकिन परीक्षाएं रहेंगी जारी
सरकार ने फैसला लिया है कि बेसिक-माध्यमिक-उच्च और तकनीकी शिक्षा के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखा जाएगा. उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में MBBS तक की क्लास बंद की गई हैं. हालांकि, अगर किसी स्कूल या कॉलेज में परीक्षाएं चल रही हैं तो उन्हें रद्द नहीं किया जाएगा. लेकिन अगर किसी स्कूल-कॉलेज में परीक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं तो उन्हें आगे के लिए टाल दिया जाएगा.
बता दें कि राज्य सरकार के ऐलान से पहले ही लखनऊ में कई पब्लिक स्कूल बंद किए गए हैं. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लखनऊ का जीडी गोयनका स्कूल 31 मार्च तक बंद रहेगा, साथ ही सभी परीक्षाएं भी रद्द की गई हैं.
उत्तर प्रदेश में अभी तक कोरोना वायरस के कुल 11 केस सामने आए हैं. शुक्रवार को ही नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में कर्मचारी पॉजिटिव पाया गया है, जिसके बाद कंपनी के 707 कर्मचारियों को निगरानी में रखा गया है.
सभी 75 जिलों में बनाया जाएगा वार्ड
बैठक के बाद जानकारी देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के 75 जिले में आइसोलेशन वार्ड बनाया है, जिनमें जनपद स्तर पर 800 बेड रिजर्व हैं. 24 मेडिकल कॉलेज में भी 448 बेड आरक्षित रखे गए हैं. कई डॉक्टरों को इसके लिए ट्रेन किया गया है.
उत्तर प्रदेश में लखनऊ में दो, अलीगढ़ में एक, गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज, बीएचयू में कोरोना वायरस की जांच की जा सकेगी. इसके अलावा अन्य मेडिकल कॉलेज में इस तरह की तैयारियां की जा रही हैं.
योगी आदित्यनाथ के मुताबिक, राज्य में अबतक कोरोना वायरस के कुल 11 पॉजिटिव केस पाए गए हैं, इनमें से 10 का इलाज दिल्ली में और एक का केजीएमयू में चल रहा है.
यूपी सरकार की ओर से स्कूल समेत अन्य जगहों पर जागरुकता फैलाई जाएगी. प्रदेश में कई जगह पर बोर्ड और होर्डिंग लगाकर जागरुकता फैलाई जाएगी.