लखनऊ
लखनऊ में उप्रदव करने के आरोपियों की फोटो वाली होर्डिंग उतरवाने के हाईकोर्ट के आदेश पर अपशब्द व टिप्पणी करने के मामले में गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर की तहरीर पर लिखी गई है। इस तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने के लिये कोर्ट ने गोमतीनगर पुलिस को आदेश दिया था।
19 नवम्बर को सीएए के विरोध करने के दौरान लखनऊ में खूब हिंसा हुई थी। इस मामले में कई उपद्रवियों को चिन्हित कर एफआईआर करवा दी गई थी। इसमें जिन उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई करनी थी और वह फरार चल रहे थे, उनकी फोटो वाली होर्डिंग शासन ने कई जगह चस्पा करवाई थी। इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने 16 मार्च से पहले ही इन होर्डिंग को उतरवाने का आदेश दिया था।
डॉ. नूतन ठाकुर ने तहरीर में लिखा है कि नौ मार्च को सुबह 10:30 बजे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 16 मार्च तक शासन इन होर्डिंग को हटवा दे। कुछ देर बाद ही इस आदेश के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों ने न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कई तरह की टिप्पणियां शुरू कर दी। अपशब्द लिखे गए। हैशटैग ट्रेंड करने लगा। इस तहरीर पर गोमती नगर पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी तो विरामखंड निवासी नूतन ठाकुर ने कोर्ट में अर्जी दे दी। इस अर्जी पर कोर्ट ने मुकदमा लिखने का आदेश दिया था। इस पर गोमती नगर थाने में गुरुवार को अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 507, 500 और आईटी एक्ट-66 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।