नई दिल्ली
भारत में कोरोना वायरस के 13 नए मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार (12 मार्च) को यह जानकारी दी। तेरह नए मामलों में से नौ मामले महाराष्ट्र से, जबकि एक-एक मामला दिल्ली, लद्दाख और उत्तर प्रदेश से सामने आया है। वहीं एक विदेशी नागरिक भी इससे संक्रमित पाया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित ईरान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले तीन दिनों में तीन विमानों को भेजा जाएगा। मंत्रालय ने राज्यवार आंकड़े बताते हुए कहा कि दिल्ली में बृहस्पतिवार तक कोरोना वायरस के छह मामले सामने आ चुके हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 10 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। कर्नाटक में चार, महाराष्ट्र में 11 और लद्दाख में तीन मामले सामने आ चुके हैं।
मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में एक-एक मामला सामने आया है। केरल में अब तक कोरोना वायरस के 17 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें वे तीन लोग भी शामिल हैं जिन्हें पिछले महीने इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित 73 लोगों में 17 विदेशी नागरिक हैं। इनमें 16 इतालवी हैं।
दुनियाभर में फैल रहे कोरोना वायरस के मद्देजनर कैबिनेट सचिव ने कहा है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा दो के प्रावधानों को लागू करना चाहिए ताकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा जारी सभी परामर्श लागू हो सकें।
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार (11 मार्च) को कहा था कि भारतीय डॉक्टरों की एक टीम गुरुवार (12 मार्च) को इटली के लिए रवाना होगी और वहां फंसे भारतीय छात्रों के लार के नमूने लेकर आएगी, ताकि देश वापस लाने से पहले उनकी जांच की जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ईरान में कोविड-19 फैलने की सूचना मिलने के बाद भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। मंत्रालय के अनुसार ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों में तीर्थयात्री, छात्र और मछुआरे शामिल हैं।
ईरान में 6000 भारतीय फंसे
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि ईरान में 6000 भारतीय फंसे हैं, जिनमें महाराष्ट्र के 1100 तीर्थयात्री और जम्मू कश्मीर के 300 छात्र शामिल हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रारंभिक जोर तीर्थयात्रियों को वापस लाने का है जिनमें अधिकतर ईरान के कोम में फंसे हैं। उन्होंने कहा कि ईरान में फंसे भारतीयों में से 529 के नमूनों में 229 जांच में नकारात्मक पाए गए हैं। जयशंकर ने बताया कि ईरान में 1000 भारतीय मछुआरे फंसे हुए हैं और इनमें से कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरान में व्यवस्था गंभीर दबाव में है और इसलिए हमें वहां मेडिकल टीम भेजनी पड़ी और बाद में क्लीनिक स्थापित करना पड़ा।
विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान से 58 लोगों को लाया गया है और जल्द ही 200 अन्य लोगों को वापस लाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि दुनिया के करीब 90 देशों में कोरोना वायरस फैलने की खबर आई है और सरकार प्राथमिकता के आधार पर काम कर रही है। जयशंकर ने कहा कि एक मंत्रिसमूह सतत रूप से देश में वैश्विक कोरोना वायरस की स्थिति पर निगरानी रख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समय-समय पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकार ने कुछ मामलों में ई-वीजा एवं आगमन पर वीजा आदि को स्थगित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी के बाद चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को 14 दिनों की न्यूनतम अवधि तक अलग रखा जायेगा।
जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस का फैलना चिंता का विषय है और हम जिम्मेदारीपूर्वक इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और सरकार दुनिया के किसी भी भाग में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इटली सहित यूरोप में उभरती स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप की मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति की स्वदेश वापसी के लिए संक्रमण मुक्त होने के प्रमाणपत्र की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोराना वायरस को फैलने से रोकने के लिए और अधिक सख्त उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ''जो भी (उपाय) जरूरी है, वह कर रहे हैं।"
जयशंकर ने बताया कि ईरान के तेहरान स्थित भारतीय दूतावास और बांदर अब्बास स्थित वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी वहां बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में अनवरत काम कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अपनी जम्मू कश्मीर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ''मैं श्रीनगर में उन छात्रों के अभिभावकों से मिला जो ईरान में हैं। अभिभावकों की चिंताओं को समझते हुये मैने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके बच्चों और उन सभी लोगों को भारत वापस लाने के लिए यथासंभव सुविधा प्रदान करेगी जो भारत वापस आना चाहते हैं।"
उन्होंने ईरान में फंसे भारतीय मछुआरों की वापसी को लेकर विभिन्न सदस्यों की चिंताओं का जवाब देते हुए कहा कि बांदर अब्बास स्थित भारत का वाणिज्य दूतावास दक्षिणी ईरान के असालूयेह, चिरुयेह और किश शहरों में मौजूद भारतीय मछुआरों के संपर्क में है। उपलब्ध जानकारी के आधार पर जयशंकर ने बताया कि सभी भारतीय मछुआरे स्वस्थ हैं और उन्हें खाद्य सामग्री सहित अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।