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कोरोना के डर से गिरा रेट, जिंदा गाड़े 6 हजार मुर्गे

बेलागावी
देशभर में कोरोना वायरस का खौफ सिर चढ़कर बोल रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि मुर्गा खाने वालों ने इससे किनारा कर लिया है, जिसके फलस्वरूप इसका रेट धड़ाम हो गया है। आलम यह रहा कि कर्नाटक के बेलागावी में एक पोल्ट्री फार्म चलाने वाले ने करीब 6 हजार चूजों को ट्रक में भरकर खेतों में जिंदा गाड़ दिया।
बेलागावी के गोकक तालुक में किसान नजीर अहमद मकंदर ने खेत में एक बड़ा गड्ढा खोदा और लगभग 6 हजार मुर्गों को ट्रक में भरकर उसमें गाड़ दिया। 47 वर्षीय नजीर ने कहा, 'मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। इन मुर्गों पर करीब 6 लाख रुपये की लागत आई। इनके खाने और दवाइयों का खर्चा अधिक है।'

ट्रक में भरकर गड्ढे में गाड़ दिए सभी चूजे
उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस के खौफ से पहले जिंदा मुर्गे 50 से लेकर 70 रुपये प्रति किलो के रेट में बिक रहे थे। वहीं अभी इनकी कीमत 5 से लेकर 10 रुपये प्रति किलो तक है। ढाई किलो का कोई चूजा बड़ा होने पर मुर्गा बनकर मुझे अधिकतम 25 रुपये तक दे देगा।' किसान ने चूजों को जिंदा दफनाने का विडियो बनाया, जो कि वायरल हो गया। विडंबना रहा कि यह खौफनाक विडियो कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उदाहरण के तौर पर वायरल हुआ।

75 रुपये का खर्च, 5 में बिक रहे मुर्गे
पोल्ट्री इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार कोरोना वायरस के खौफ की वजह से उन किसानों पर संकट आ गया है, जिन्होंने लाखों रुपये का निवेश किया हुआ है। एक विशेषज्ञ ने बताया, 'एक किलोग्राम के चूजे को तैयार करने में 75 रुपये का खर्च आता है। अब ऐसे किसानों की दुर्दशा पर विचार करिए जिन्हें 5 और 10 किलो प्रति किलो में इन चूजों को बेचना पड़ रहा है।'

क्वालिटी ऐनिमल फीड्स प्राइवेट लिमिटेड के जनरल मैनेजर मधुकर पवार ने कहा, 'अकेले बेलागावी में हर महीने 60 से 80 किलोग्राम चिकन का उत्पादन होता है। चूजों को 5 रुपये में बेचा जा रहा है और ट्रेडिंग कंपनियां किसानों को भुगतान करने में असमर्थ हैं। मेरी कंपनी में 1500 कर्मचारी हैं और एक हजार से अधिक किसान हम पर निर्भर हैं। इस महीने तो हम भुगतान कर देंगे लेकिन अगली बार से मुश्किल हो जाएगी।'

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