ऐप से हो रही करोड़ों यूजर्स की जासूसी, स्मार्टफोन की हर ऐक्टिविटी पर हैकर्स की नजर

 
नई दिल्ली

स्मार्टफोन यूजर्स की जासूसी का बड़ा मामला सामने आया है। इसमें iPhone के साथ ही ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के डेटा की चोरी की जा रही है। इस डेटा चोरी में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) और मोबाइल ऐड ब्लॉकिंग ऐप्स का इस्तेमाल हो रहा है। रिसर्चर्स ने ऐसे 20 ऐप्स की पहचान की है। यूजर्स की जासूसी करने वाले इन ऐप्स को Sensor Tower ने डिवेलप किया है। स्मार्टफोन्स में ये किसी भी आम ऐप की तरह ही काम करते नजर आते हैं, लेकिन ये स्मार्टफोन की ऐक्टिविटी पर नजर रखते हैं।

करोड़ों बार डाउनलोड हुए फर्जी ऐपबजफीड न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन सेंसर टॉवर ऐप्स को दुनियाभर में 3.5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। ये ऐप्स ऐंड्रॉयड और आईओएस डिवाइस से भेजे और रिसीव किए जाने वाले डेटा को ऐक्सेस कर ऐप डिवेलपर तक भेजते हैं। ये फर्जी ऐप आसानी से यूजर्स को एक थर्ड पार्टी रूट सर्टिफिकेट इंस्टॉल करने के लिए मना लेते हैं, ताकि गूगल प्ले और ऐपल ऐप स्टोर की सिक्यॉरिटी में सेंधमारी कर यूजर्स की जासूसी की जा सके।

ऐप स्टोर पर अभी भी मौजूद हैं फर्जी ऐप
रिसर्चर्स ने जिन ऐप को ब्लैकलिस्ट किया है, वे बिना यूजर्स की जानकारी में आए उनकी प्राइवेट वेब ऐक्टिविटी को ट्रैक करते थे। बजफीड ने रिपोर्ट में कहा कि ये ऐप यूजर्स को यह भी नहीं पता चलने देते थे उन्हें सेंसर टॉवर ने डिवेलप किया है। चिंता की बात यह है कि इनमें से कई ऐप अभी भी गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर मौजूद हैं। रिसर्चर्स ने जिन ऐप्स की पहचान की है उनमें ऐड ब्लॉक फोकस, ऐडब्लॉक वाई-फाई, ऐडब्लॉक मोबाइल, मोबाइल डेटा, हॉटस्पॉट वीपीएन, फ्री ऐंड अनलिमिटेड वीपीएन, वाई-फाई बूस्टर, लूना और ऐड टर्मिनेटर भी शामिल हैं।

गूगल और ऐपल ने शुरू की कार्रवाई
बजफीड की रिपोर्ट के बाद गूगल और ऐपल इन ऐप्स के खिलाफ ऐक्शन लेना शुरू कर दिया है। दोनों कंपनियों ने अपने-अपने ऐप स्टोर से अब अधिकतर ऐप्स को हटा दिया है और यूजर्स की जासूसी करने वाले ऐप्स की जांच शुरू कर दी है। इससे पहले बजफीड के क्रेग सिल्वरमैन ने बताया कि ऐपल ने ऐप स्टोर से सेंसर टॉवर से 13 और गूगल ने प्ले स्टोर से यूजर्स की जासूसी करने वाले 1 फर्जी ऐप को हटा दिया है।

सेंसर टॉवर ने दी सफाई
इसी बीच सेंसर टॉवर के रैंडी नेल्सन ने बजफीड को बताया कि उनकी कंपनी के ऐप्स ने कभी भी यूजर्स के डेटा की चोरी नहीं की। उन्होंने कहा, 'हम ऐप स्टोर्स की गाइलाइन्स को गंभीरता से फॉलो करते हैं। अगर इन ऐप स्टोर्स की प्रिवेसी पॉलिसी में कोई बदलाव होता है तो हम उसे भी ध्यान में रखते हैं'। इसके साथ ही नेल्सन ने इस बात को जोर देते हुए कहा कि बजफीड की रिपोर्ट में जिन ऐप्स का नाम लिया गया है, उन्हें पहले ही हटाया जा चुका है।

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