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मालिक ने 143 KM दूर से लॉक कर दी गाड़ी, थाने में खड़ी स्कॉर्पियो से घूूमने निकल गए पुलिसकर्मी

 लखनऊ 
लखनऊ के गोमतीनगर थाने में खड़ी स्कॉर्पियो से बुधवार को लखनऊ से लखीमपुर खीरी का सफर पुलिसकर्मियों को भारी पड़ गया। गाड़ी मालिक ने थेफ्ट लॉक एक्टिवेट कर दिया, जिसके चलते चलती गाड़ी बीच हाईवे पर बंद हो गई और लखनऊ से 143 किलोमीटर दूर हाईवे पर फर्राटा भर रहे पुलिस कर्मी गाड़ी में ही फंस गए।

बाद में काफी मान-मनौवल के बाद गाड़ी मालिक ने लॉक खोला, तब जाकर पुलिसकर्मी उससे बाहर निकल पाए। हालांकि इसकी गाज गोमतीनगर के  इंस्पेक्टर प्रमेन्द्र कुमार सिंह पर गिरी और पुलिस कमिश्नर ने उन्हें लाइन हाजिर कर पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

गोण्डा निवासी राजेन्द्र कुमार सिंह का बेटा अखण्ड सिंह गोरखपुर के एक कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष का छात्र है। वह इकाना स्टेडियम के पास पार्थ उद्यान अपार्टमेंट में रहता है। अखण्ड ने बताया कि इंदिरानगर, मानस विहार निवासी उसके परिचित आदित्य श्रीवास्तव की एसयूवी गाड़ी संजय सिंह नामक शख्स ने चलाने के लिए ले रखी थी लेकिन वह बैंक में गाड़ी की किस्त नहीं भर रहा था। मंगलवार शाम 4:30 बजे आदित्य को उनकी गाड़ी दयाल पैराडाइज के पास दिखी तो उन्होंने उसे व अन्य साथियों को बुला लिया।

अखण्ड के मुताबिक वह अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी (यूपी 32 केजे 1359) से मौके पर पहुंचा। बातचीत के दौरान आदित्य ने संजय से अपनी गाड़ी ले ली और चले गए। बाद में संजय सिंह ने गोमतीनगर थाने पहुंच कर आदित्य श्रीवास्तव समेत अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट व गाड़ी लूट का मुकदमा दर्ज करा दिया। संजय ने तहरीर में उसकी गाड़ी का नंबर दिया था।

दरोगा ने दी गालियां, मोबाइल छीना

अखण्ड के मुताबिक शाम 4:30 बजे वह एसआरएस मॉल के पास निकल रहा था, तभी पुलिसवालों ने उसे पकड़ लिया। पुलिसकर्मी उसे स्कार्पियो समेत थाने ले आए और मुंशी कार्यालय में बैठा दिया। इसकी जानकारी पर आदित्य ने थाने आकर अपनी गाड़ी खड़ी कर दी और जांच में सहयोग का आश्वासन दिया। इसके बाद भी पुलिस ने उसे नहीं छोड़ा। रात 12:30 बजे उसने पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में फोन करके शिकायत की। इस पर थाने में मौजूद एसआरएस मॉल चौकी इंचार्ज उमेश सिंह ने उसका मोबाइल छीन लिया और भद्दी-भद्दी गालियां दीं। 

जीपीएस ने खोला कच्चा-चिट्ठा

अखण्ड को देर रात पुलिस ने थाने से छोड़ा। गाड़ी के बारे में पूछने पर कहा गया कि.. अगले दिन ले जाना। पीड़ित के मुताबिक बुधवार दोपहर 12 बजे वह थाने पहुंचा तो गाड़ी गायब थी। उसने थाने में मौजूद दरोगा व सिपाहियों से अपनी गाड़ी के बारे में पूछा लेकिन सभी गोलमोल जवाब देते रहे।

अखण्ड ने बताया कि उसकी गाड़ी में  जीपीएस सिस्टम लगा है, जोकि उसके मोबाइल फोन से कनेक्ट है। दोपहर 2:35 बजे उसने जीपीएस लोकेशन ट्रैक की तो पता चला कि गाड़ी  लखनऊ से 143 किलोमीटर दूर खीरी रोड पर मोहनाई कस्बे के पास है। उसने फौरन ‘थेफ्ट लॉक’ एक्टिवेट कर दिया। इससे गाड़ी का इंजन और दरवाजे सभी लॉक हो गए ।

बीबीडी छात्र के हत्यारोपी का बयान लेने गए थे  
पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर प्रमेन्द्र कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया और जांच के आदेश दिए हैं। 20 फरवरी को गोमती नगर में अलकनंदा अपार्टमेंट के गेट पर प्रशांत सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी अर्पण शुक्ला ने लखीमपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इंस्पेक्टर ने पुलिस टीम को अर्पण का बयान लेने के लिए लखीमपुर जेल भेजा था। इसके लिए छात्र की गाड़ी से बेगारी उन पर भारी पड़ गई।  

हाईवे पर गाड़ी बंद होने से पुलिसकर्मियों के पसीने छूटे
सूत्रों की मानें तो दरोगा देवेन्द्र यादव समेत चार पुलिस कर्मी गाड़ी में मौजूद थे। बीच हाईवे पर गाड़ी बंद होने से पुलिस कर्मियों के पसीने छूट गए। उन्होंने इंस्पेक्टर प्रमेन्द्र कुमार सिंह को फोन करके पूरी बात बताई। इंस्पेक्टर ने अखण्ड को थाने बुलाकर मान-मनौव्वल शुरू की। अंत में इंस्पेक्टर ने अखण्ड को लिखकर दिया कि उसकी गाड़ी बेगारी में लखीमपुर खीरी भेजी गई है, इस दौरान गाड़ी से कोई अनहोनी होने पर थाने की जिम्मेदारी होगी। तब जाकर अखण्ड ने थेफ्ट लॉक खोला। 

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