रायपुर
विधानसभा में रायपुर व बिलासपुर थानों दर्ज मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठा,। 15 नवंबर 2019 से 15 जनवरी 2020 की पीएम रिपोर्ट पर सवाल किया गया। मंत्री के जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और सदन का माहौल गरमा गया। भाजपा के विधायक विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने जांच के निर्देश दिये। जांच विधानसभा की कमेटी करेगी।
आज सदन में पुलिस कस्टडी में हुई सूरजपुर में कृष्णा सारथी, पंकज बेग की मौत का मामला उठा, तो वहीं दुर्ग जेल में राजकुमार देवांगन का मामला भी गूंजा। सदन में मंत्री ने पंकज बेग की आत्महत्या को पुलिस कस्टडी में मौत नहीं कहा, बताया गया कि पंकज बेग ने भागकर दूसरी जगह आत्महत्या की थी, इसलिए उसे पुलिस कस्टडी में मौत नहीं कहा जा सकता। विपक्ष ने इस जवाब पर एतराज जताया। विपक्ष का आरोप था कि इस मामले में एफआईआर दर्ज किया गया था, गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन अब जेल से निकलने के बाद आरोपी धमकाने का काम कर रहे हैं। कृष्णा सारथी के मामले में विपक्ष का कहना था कि दबाव में कृष्णा सारथी को बिना किसी अपराध पंजीकृत किए थाने लाया गया बाद में कथित तौर पर फांसी से हुई मौत दिखाया गया। आरोपियों की न तो गिरप्तारी हुई है और न ही परिजनों को मुआवजा दिया गया है।
बृजमोहन अग्रवाल के स्वाल के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल, शिवरतन शर्मा और सौरव सिंह ने इस मामले पर सरकार पर सवाल खड़े किये। इस प्रकरण की जांच विधानसभा की कमेटी से कराने की मांग की। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा इस सवाल को लेकर सदस्य काफी उद्वेलित हैं, इसलिए इसकी जांच विधानसभा की समिति से करायी जायेगी,तब कहीं जाकर सदस्य शांत हुए।