नई दिल्ली
पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को नोटिस जारी किया है. नया डेथ वॉरंट जारी करने के संबंध में 2 बजे का समय तय किया गया है. कोर्ट ने दोषियों और उनके वकील को नोटिस जारी किया है.
यह चौथी बार है जब निर्भया के दोषियों को डेथ वॉरंट जारी किया जा रहा है. इससे पहले हर बार कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलता की वजह से निर्भया के दोषी बच जा रहे थे. निर्भया केस में तिहाड़ जेल ने पटियाला हाउस कोर्ट को लिखित अर्जी देकर बताया है कि पवन की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को खारिज कर दी है.
तिहाड़ जेल प्रशासन ने पटियाला हाउस कोर्ट को दी गई लिखित अर्जी में कहा है कि राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है, ऐसे में 2 मार्च को डेथ वॉरंट पर लगाए गए स्टे की अब कोई जरूरत नहीं है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि नया डेथ वॉरंट जारी करने के लिए कोर्ट की तरफ से नई तारीख दी जाए.
दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म
तिहाड़ जेल ने जज से कहा कि दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं. किसी भी दोषी की याचिका लंबित नहीं है. इसलिए कोर्ट नया डेथ वॉरंट जारी करने की तारीख तय करे. कोर्ट ने दोषियों और उनके वकीलों को भी नोटिस जारी कर दिया है.
14 दिन बाद हो सकती है दोषियों को फांसी
सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक, दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी पवन को 14 दिन का नोटिस मिलेगा. इससे साफ है कि 14 दिन के बाद ही दोषियों को फांसी मिल सकती है. दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया के वकील ने आज पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर किया.
कोर्ट से गुनहगारों का नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की गई है. हालांकि, अभी भी पवन अपनी दया याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है. जैसा बाकी दोषियों ने किया था. फिलहाल, पवन के पास भी कानून विकल्प बचे थे, जो खत्म हो चुके हैं.
कब-कब टली दोषियों की फांसी?
निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को पहले फांसी होने वाली थी. फिर कोर्ट ने डेथ वॉरंट रोक दी थी. 1 फरवरी को भी दोषियों को फांसी देने की तारीख तय की गई. कानूनी प्रावधानों के चलते इसे भी रद्द कर दिया गया. फिर 3 मार्च को दोषियों को लटकाने की तारीख तय की गई, लेकिन इस बार भी डेथ वॉरंट रद्द हो गया. यह चौथी बार है जब दोषियों को डेथ वारंट जारी होगा.
इस बार चूंकि दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं, ऐसे में उन्हें फांसी हो सकती है. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 मार्च के लिए जारी किए गए तीसरे डेथ वारंट पर रोक लगा दी थी. डेथ वारंट रद्द करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि फांसी से पहले दोषी को अधिकार है कि वो सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सके. ये सुनिश्चित करना कोर्ट का काम है. इसलिए ही दोषियों की फांसी टलती रही.