नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बीते दिनों राजधानी दिल्ली में भड़की हिंसा अब शांत हो गई है. हिंसा प्रभावित इलाकों में अब राहत कार्य चल रहा है और दोबारा जीवन पटरी पर लौटे इसकी कोशिशें जारी हैं. इस बीच कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों के दौरे पर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं.
राहुल गांधी कांग्रसे नेताओं के साथ नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के बृजपुरी इलाके में पहुंचे. यहां उन्होंने उस स्कूल का दौरा किया, जो हिंसा के दौरान आगजनी का शिकार हुआ था.
स्कूल से बाहर आकर राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, 'ये स्कूल है. ये हिंदुस्तान का भविष्य है. जिसे नफरत और हिंसा ने जलाया है. इससे किसी का फायदा नहीं हुआ है. हिंसा और नफरत तरक्की के दुश्मन हैं. हिंदुस्तान को जो बांटा और जलाया जा रहा है इससे भारत माता को कोई फायदा नहीं है.'
राहुल गांधी ने अपील करते हुए कहा कि सबको मिलकर प्यार से यहां काम करना पड़ेगा. हिंदुस्तान को जोड़कर ही आगे बढ़ा जा सकता है. दुनिया में जो छवि भारत की है, उसको ठेस पहुंची है. भाईचारा और एकता हमारी ताकत थी, उसको यहां जलाया गया है. इससे हिंदुस्तान और भारत माता को नुकसान होता है.
राहुल गांधी के साथ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में मुकुल वासनिक, कुमारी शैलजा, अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, के सुरेश, गौरव गोगोई और ब्रह्म मोहिंद्रा शामिल हैं. वो बृजपुरी के अरुण मॉडर्न पब्लिक स्कूल में पहुंचे.
दरअसल, 24 फरवरी को दिल्ली में भड़की हिंसा तीन दिन तक जारी रही थी. अस्पतालों के जरिए जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली हिंसा में अबतक 46 लोगों की मौत हो चुकी है.
बता दें कि कांग्रेस की ओर से संसद में भी दिल्ली हिंसा का मुद्दा उठाया जा रहा है. राहुल गांधी भी संसद परिसर के बाहर हुए कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे, इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की थी.
सरकार पर हमलावर रही है कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में दिल्ली हिंसा के मसले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार पर तीखा हमला बोला है. बीते दिनों कांग्रेस ने वर्किंग कमेटी की बैठक की थी, जिसमें दिल्ली हिंसा पर केंद्र सरकार के रवैये की निंदा की गई थी.
सोनिया गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की थी और केंद्र सरकार को ‘राजधर्म’ याद दिलाने की अपील की थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष ने हिंसा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया था और इस्तीफा मांगा था.