रायपुर
गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के 8वें दीक्षांत समारोह में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की और 74 उत्कृष्ट विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल तथा 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की. इस मौके पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि नक्सलवाद की विचारधारा से भ्रमित हुए कुछ लोगों द्वारा की जाने वाली हिंसा से पीड़ित परिवारों को शिक्षा की रोशनी के सहारे ही आगे बढ़ने का अवसर मिला है और शिक्षा से ही नक्सलवाद के दुष्प्रभावों को छत्तीसगढ़ और देश के अन्य भागों से खत्म किया जा सकेगा. उन्होंने नक्सलवाद के खात्मे के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी सराहनीय बताया.
राष्ट्रपति ने कहा कि बिलासपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध समाज सुधारक और सतनाम पंथ के संस्थापक गुरू घासीदास के नाम पर स्थापित है. गुरूजी के अनुयायियों की मान्यता के आधार पर सोमवार शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि सन् 1756 में सोमवार के दिन ही गुरू घासीदास का अवतरण हुआ था और आज केन्द्रीय विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह का दिन भी सोमवार है. राष्ट्रपति ने इस शुभ दिन पर अपनी पढ़ाई पूरी कर दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि गुरू घासीदास ने हमेशा समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिये सदमार्ग सुझाया. गुरू घासीदास ने मनखे-मनखे एक समान के आदर्श पर चलकर समाज में मेलजोल, समरसता से रहने और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि गुरू घासीदास कहते थे कि सत्य की सेवा ही मनुष्य की करूणा, चैतन्य, प्रेम, संयम तथा चरित्र का प्रतीक होता है. इसीलिये लोगों को सद्चरित्र निर्माण के लिये सतनाम का अनुसरण करना ही चाहिये और सभी धर्मों की अच्छी बातों-आदर्शों का अनुसरण करना चाहिये.