नई दिल्ली
दरअसल, सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में हेराफेरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी शुरुआत करने की योजना बना रही है, जिसमें हर महीने दुकानदार और खरीदार के बीच सौदे के हर बिल को लकी-ड्रा में शामिल किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि इस लॉटरी में उपभोक्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का ईनाम मिल सकता है। अधिकारी ने कहा कि यह लॉटरी योजना ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल/रसीद मांगने को प्रात्साहित करने के लिए सोची गई है। इससे जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
रसीद की न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं
अधिकारी ने कहा कि इस लॉटरी में भाग लेने के लिए इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी कि रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी तय राशि की हो। लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा जिस पर बड़ा इनाम होगा। राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे। इसमें भाग लेने के लिए उपभोक्ताओं को किसी भी खरीद की रसीद स्कैन करके अपलोड करना होगा।
मोबाइल ऐप से प्रक्रिया पूरी होगी
जीएसटी नेटवर्क इसके लिए एक मोबाइल ऐप विकसित कर रही है। यह ऐप इस महीने के अंत तक एंड्रॉयड और एप्पल के उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि इस लॉटरी में लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के इनाम रखे जा सकते हैं।
14 मार्च की बैठक में फैसला संभव
जीएटी परिषद इस योजना पर 14 मार्च की बैठक में अपना मत दे सकती है। इस लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा। जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में रखा जाता है।
डीबीटी भ्रष्टाचार रोकने की क्रांतिकारी मिसाल: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को लोक लेखा अधिकारियों से कहा कि वे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए अधिक कार्यकुशल और अनुकूल प्रौद्योगिकी लागू करने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि भारत की प्रत्यक्ष लाभ-अंतरण (डीबीटी) और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणालियों की दुनिया भर में चर्चा हो रही है।
इन्हें एक लोकतंत्र में शांति के साथ किया गए गए क्रांतिकारी परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीबीटी से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है और जनता का एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपया बचाया जा सका है। वित्त मंत्री ने कहा, उन्होंने कहा, जीएसटी और डीबीटी सबसे बड़ी क्रांति है। आपने डीबीटी के जरिए एक लाख करोड़ रुपये बचाए हैं, यह कोई प्रतीकात्मक बात नहीं है। किसी को नाराज किए बिना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से ये एक लाख करोड़ रुपये जनता के लिए बचाए गए। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग के जरिए इस सेवा ने साबित कर दिया कि व्यवस्था से भ्रष्टाचार और अन्याय को खत्म किया जा सकता है।