भोपाल
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बताया है कि महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों के 618 पदों के लिए चॉइस फिलिंग के आधार पर लगभग 465 अतिथि विद्वान ने कार्यभार ग्रहण कर लिया हैं। शेष पदों के लिए पुनः चॉइस फिलिंग कराते हुए मेरिट सूची जारी कर कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।
मंत्री पटवारी ने बताया कि दिसंबर 2019 में लोक सेवा आयोग से 3148 नियमित नियुक्तियां की गईं, जिनमें लगभग 756 अतिथि विद्वानों का भी चयन हुआ। लोक सेवा आयोग से चयन प्रक्रिया में अतिथि विद्वानों को 20 अंकों का अधिभार एवं आयु सीमा में पूर्ण छूट प्रदान की गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग में अब 4193 अतिथि विद्वान हैं, जिनमें से 2563 कार्यरत है अर्थात अप्रभावित है। लगभग 1630 अतिथि विद्वान नियमित नियुक्तियों के फलस्वरूप फॉलन आउट हुए हैं। नियमित नियुक्तियां एवं कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया जारी है, अतः फॉलन आउट अतिथि विद्वानों की संख्या 2030 और कार्यरत की संख्या 2163 होने की संभावना है।
मंत्री पटवारी ने बताया कि नियमित नियुक्तियों के लिए निर्धारित योग्यता रखने वाले अतिथि विद्वानों को मेरिट के अनुसार उनके द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर महाविद्यालय आवंटित किए जाने की प्रक्रिया रही है और प्राचार्य सचिव जनभागीदारी समिति द्वारा आमंत्रण पत्र जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 तक अतिथि विद्वानों के लिए निर्धारित योग्यता स्नातकोत्तर उपाधि थी। उसके बाद योग्यता स्नातकोत्तर उपाधि के साथ पीएचडी या नेट निर्धारित की गई।
जीतू पटवारी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2010 -11तक अतिथि विद्वानों के चयन के लिए आवेदन अग्रणी महाविद्यालय (जिला स्तर) पर ऑनलाइन प्राप्त कर मेरिट के आधार पर 10 अथवा 11 माह के लिए आमंत्रण दिया जाता था। वर्ष 2011 -12 से इस प्रक्रिया को केंद्रीकृत एवं ऑनलाइन किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्ष 2010 के बाद निर्धारित योग्यता के संदर्भ में कुल 4193 में से 1594 और 2030 में से 997 अतिथि विद्वान ऐसे हैं, जो निर्धारित योग्यता नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि अनुमानित तौर पर 2030 फॉलन आउट अतिथि विद्वानों के लिए 1500 पदों की व्यवस्था करते हुए मेरिट के आधार पर ऑनलाइन महाविद्यालय आवंटन की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में पूर्ण की जा रही है।