नई दिल्ली
बीते दिनों दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि अब मामले को लेकर एक दूसरे पर आरोप मढ़ना कोई जवाब नहीं है। सबसे पहले लोगों की मदद के लिए आगे बढ़ना होगा और ये सुनिश्चित करना होगा कि हिंसा भड़कने से पहले उसे शांत किया जाए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा से प्रभावित इलाकों में मौजपुर, जाफराबाद, चांदबाग, घोंडा, मुस्तफाबाद, खजूरी खास और भजनपुरा शामिल हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में सोमवार से करीब 7,000 अर्द्धसैनिक बल तैनात हैं। शांति कायम रखने के लिए दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मी ड्यूटी पर हैं।
अब तक इन दंगों में मरने वालों संख्या 41 हो चुकी है। ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों ने तीन दशक से अधिक समय में राजधानी में हुए सबसे भयावह दंगों के बाद अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने के प्रयास तेज कर दिए। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्व दिल्ली में रविवार से भड़के सांप्रदायिक संघर्ष का अंजाम इतना बुरा हुआ कि अब सड़कों पर चारों तरफ ईंट-पत्थर बिखरे हुए हैं, मकान, दुकानें जला दिये गये, लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया गया।
दिल्ली में बीते 4 दिन हुई हिंसा में अब तक 38 लोगों की जान जा चुकी है। मामले पर दिल्ली पुलिस के अनुसार सीएए का विरोध कर रहे भीम आर्मी के समर्थकों द्वारा रविवार शाम सीएए समर्थकों पर पत्थर चलाए जाने से इस दंगे की चिंगारी उठी। सीएए के इन समर्थकों को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा द्वारा मौजपुर चौक पर बुलाया गया था जहां से ये सारा बवाल शुरू हुआ।