नई दिल्ली
आर्थिक लिहाज से शुक्रवार यानी आज का दिन काफी अहम है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर- दिसंबर) के जीडीपी ग्रोथ रेट आंकड़े जारी होने वाले हैं. ये आधिकारिक आंकड़े ऐसे समय में आ रहे हैं जब दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रभाव है. इस वायरस की वजह से वैश्विक मंदी जैसे हालात बन गए हैं. इसका असर भारत की इकोनॉमी पर भी पड़ने की आशंका है.
SBI के अर्थशास्त्रियों ने क्या कहा?
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों की मानें तो अक्टूबर- दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी पर स्थिर रहेगा. इसकी वजह कोरोना वायरस को माना जा रहा है. एसबीआई के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक देश के समक्ष आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से प्रभावित होने का जोखिम है. इसका कारण विभिन्न वस्तुओं के लिए चीन से आयात पर उच्च निर्भरता है.
हर तरफ से निराश करने वाले अनुमान
इसके अलावा DBS बैंक को लगता है कि दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.4 फीसदी पर रह सकता है. यानी बीते तिमाही के मुकाबले इस आंकड़े में गिरावट आएगी. इसी तरह यस बैंक और कोटक बैंक का अनुमान है कि जीडीपी ग्रोथ रेट दिसंबर तिमाही में 4.5 फीसदी पर रहेगा.
वहीं केयर रेटिंग ने कहा है कि सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद दिसंबर 2019 में प्रमुख इंडीकेटर में खास ग्रोथ देखने को नहीं मिल रही है. एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5% रह सकती है. हालांकि, एचडीएफसी बैंक का कहना है कि 4.8 फीसदी ग्रोथ रेट रह सकता है. बहरहाल, जीडीपी के नए आंकड़े सरकार के लिए चुनौती बन सकते हैं.
चालू वित्त वर्ष में GDP का क्या रहेगा हाल?
भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) और वर्ल्ड बैंक ने तो वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है. वहीं सरकार के आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है.