नई दिल्ली
बीते दिनों नोटबंदी के दौरान गड़बड़ी करने वाले देश के हजारों ज्वेलर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजा था. अब इस नोटिस को लेकर ज्वेलर्स की मुसीबत बढ़ गई है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने बताया, '' इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से पूरे देश में करीब 15000 ज्वेलर्स को नोटिस भेजे गए हैं.'' सुरेंद्र मेहता ने आरोप लगाया कि इसके जरिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ज्वेलर्स से करीब 50 हजार करोड़ की कमाई करना चाहता है.
क्या है मामला?
दरअसल, 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. नोटबंदी के दौरान ज्वेलर्स को ये छूट दी गई थी कि वह बैंक में कितने भी 500-1000 के नोट जमा कर सकते हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस छूट का कई ज्वेलर्स ने गलत फायदा उठाया और कालेधन को सफेद करने में खूब पैसा कमाए. कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब ज्वेलर्स ने ग्राहकों से नकदी रकम लिए गए, उसे बैंक में जमा किया और बाद में बिना किसी वजह के ग्राहकों को वापस कर दिया.
इसके अलावा कई ऐसे भी मामले हैं जिसमें ज्वेलर्स की बिक्री नोटबंदी के बाद अचानक बढ़ गई. जो ज्वेलर्स बिक्री दो सप्ताह में करते थे, वह एक दिन में होने लगी. ऐसे संदिग्ध कमाई करने वाले ज्वेलर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजा था. नोटिस में इन बिक्रियों का हिसाब मांगा गया था. फिलहाल, कानून के मुताबिक ज्वेलर्स को विवादास्पद अमाउंट का 20 फीसदी जमा करना होगा.
वित्त मंत्रालय ने की थी जांच
नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर ज्वेलर्स द्वारा नकदी जमा करने पर संदेह था और ऐसे कुछ मामलों को चुनकर उनकी जांच की गई. वित्त मंत्रालय की जांच से पता चला कि कई ज्वेलर्स ने नोटबंदी के दौरान जमा नकदी के बारे में आकलन वर्ष 2017-18 के इनकम रिटर्न में भी जानकारी नहीं दी. कुछ के बहीखातों में सोना-चांदी या आभूषण खरीदने की एंट्री हुई है, लेकिन वे सब फर्जी पाए गए. कुछ ज्वेलर्स ने करोड़ों के ऑर्डर मिलना दिखाया, लेकिन इनकी कभी आपूर्ति नहीं की गई.