छत्तीसगढ़

मसाले की खेती से अंकालू के जीवन का बदला जायका

 

    रायपुर

आधुनिक तकनीक के उपयोग, जैविक खाद, जैविक कीट नियंत्रण और समुचित सिंचाई से किसान अब दोहरी फसल लेकर दोगुनी आय अर्जित कर रहे हैं। कांकेर के भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम डोंगरकट्टा निवासी श्री अंकालू राम ने भी उन्नत तकनीक से धान की फसल के अतिरिक्त मसालों और सब्जियों की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर लिया है। धनिया की जैविक खेती से ही उन्हें लगभग 35 हजार रूपये की आमदनी हुई है। दो वर्ष पहले तक श्री अंकालू सिर्फ वर्षा आधारित धान की फसल ही ले पाते थे। फसल का कम उत्पादन होने पर उन्हें आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ता था, लेकिन अब शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर वह दोहरा लाभ ले रहे हैं।

    कृषक अंकालू राम ने बताया कि उनके पास 1.91 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें वह ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से सिंचाई कर रहे हैं। इससे कम खर्च में अधिक क्षेत्र में आसानी से सिंचाई हो जाती है और वह वर्षभर उत्पादन कर पाते हैं। वर्षभर काम रहने के कारण परिवार के सदस्य भी निरंतर काम में लगे रहते हैं, रोजगार की तलाश में उन्हें कहीं बाहर भी नहीं जाना पड़ता। उन्होंने बताया कि कृषि विस्तार अधिकारियों के द्वारा दिए गये सुझावों के अनुसार उन्होंने खेती की, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि हुई। ‘कृषक समृद्धि योजना’ का लाभ उठाकर उन्हांेने नलकूप खनन करवाया, जिसमें उन्हें कृषि विभाग की ओर से 43 हजार रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ। अपनी भूमि में उन्होंने उद्यानिकी विभाग की मदद से ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगवाया, इससे वह वर्षभर खेती कर पा रहे हैं। सिंचाई होने से खेती की दशा में भी सुधार हुआ है। आधुनिक तरीके से खेती करने पर उनके आय में भी वृद्धि हुई है।
 
    श्री अंकालू ने बताया कि कृषि विभाग की आत्मा योजना से स्प्रेयर के अलावा धान, मक्का, अरहर, धनिया बीज एवं जैविक खाद भी उन्हें निःशुल्क प्राप्त हुआ है। कृषि विभाग एवं आत्मा योजनांतर्गत संचालित प्रशिक्षण, शैक्षणिक भ्रमण और खेत पाठशाला कार्यक्रमों में भी वह बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। जिससे खेती-किसानी के बारे में उनकी जानकारी बढ़ी है। श्री अंकालू ने कहा कि शासन की मदद से उनके जीवन में नया सबेरा आया है। अब वे आसपास के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर उन्नत खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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