छत्तीसगढ़

रविवि का 25 वां दीक्षांत समारोह आज, 67 छात्रों को दिए जाएगें स्वर्ण पदक

रायपुर
पंडित दीनदयाल उपाध्याय आॅडोटोरियम में रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के छात्रों ने दीक्षांत समारोह की रिहर्सल की।  26 फरवरी को विश्वविद्यालय का 25 वां दीक्षांत समारोह है। इस दौरान स्नातकोत्तर और स्नातक समेत 31 हजार 483 डिग्रियां घोषित की जाएंगी। साथ ही 137 स्वर्ण पदक में से 67 गोल्ड होनहार छात्र-छात्राओं को दिए जाएंगे, जिसमें 62 स्कॉलर्स कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। इस दौरान रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की एमएससी की छात्रा वीना जंघेल को भौतिक शास्त्र में एक साथ सात गोल्ड प्रदान किए जाएंगे। वीना जंघेल राजनांदगांव के एक किसान के घर से ताल्लुक रखने वाली इस छात्रा ने नवोदय से बारहवीं तक पढ़ाई की उसके बाद विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। वे प्रोफेसर बनना चाहती हैं और उसके बाद समाजसेवी के रूप में न पढ़ पाने वाले बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं।

रविवि के कुलपति केशरी लाल वर्मा ने बताया दीक्षांत समारोह में 151 पीएचडी घोषित की गई हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति अनुसुइया उइके करेंगी। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उपस्थित रहेंगे। समारोह में मुख्य वक्ता अशोक बाजपेयी होंगे कार्यक्रम में उच्च शिक्षा एवं तकनीकी मंत्री उमेश पटेल उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम  सुबह 11 बजे से शुरू होगा।

दीक्षांत समारोह में अलग-अलग पोशाक निर्धारित की गई है, जिसमें कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग को कोसा रंग की जैकेट और गुलाबी रंग की पगड़ी पहनेंगे। स्टोल वेलवेट का नेवी ब्लू रंग होगा। कुलसचिव के लिए सिल्वर का रंग का पट्टा होगा, वहीं विद्यार्थी परिषद, कार्य परिषद व संकाय अध्यक्ष के लिए सफेद कुर्ता-पायजामा, कोसा रंग की प्लेन साड़ी, पगड़ी,  मैरून रंग का 1 इंच का वेलवेट वाला दुपट्टा जिसमें गोल्डन जरी पट्टा होगा, गोल्ड मैडल व पीएचडी की उपाधि लेने वाले विद्यार्थियों को सफेद कुर्ता पायजामा, कोसा रंग की प्लेन साड़ी, पगड़ी, दुपट्टा गोल्ड मैडल के लिए साटन पीले रंग का आधा इंच पट्टा वाला और पीएचडी के लिए साटन सिल्क लाल रंग का आधा इंच पट्टा होगा।

स्वर्ण पदक पाने वाली वीना बताती हैं कि पिता किसान हैं और उनके घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। वीना की नवोदय की पढ़ाई उनकी मामी ने कराई जिससे वह अपनी नवोदय की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। वहीं 5वीं के बाद वे नवोदय चली गई। मैं अपने घर की पहली लडकी थी जिसके कारण मेरी मां मुझे बाहर पढ़ाई करने से मना कर रही थी, लेकिन मेरे पिता ने मेरा साथ दिया और मैं अपने आगे की पढ़ाई के लिए बाहर जा पाई। वीना तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय अपनी मामी और अपने पिता व परिवार को देती हैं। 47 वर्षीय अनुराधा चटर्जी को कल गोल्ड दिया जाएगा। वे 2002 में पीएचडी कर रही थी तभी उनकी शादी हो गई। पति मर्चेंट नेवी में थे तो उनकी पोस्टिंग आॅस्ट्रेलिया में थी तो वे आॅस्ट्रेलिया चली गई। वे बताती हैं कि उनकी सास ने पढ़ाई फिर से करने के लिए प्रोत्साहित किया और 17 साल बाद पढ़ाई शुरू की। वे आॅस्ट्रेलिया से डिग्री लेने रायपुर आई हैं।

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