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आर्टिफिशल आंखों से आरोपियों को पकड़ेंगे, क्राइम रोकने में बेंगलुरु पुलिस की मदद करेंगे पुतले

 
बेंगलुरु

बड़े महानगरों में अपराध रोकने के लिए पुलिस आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है। इसी कड़ी में अब बेंगलुरु पुलिस नशे में गाड़ी चलाने वालों और ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को पकड़ने के लिए पुतलों का सहारा लेगी। आप सोच रहे होंगे कि ये पुतले कैसे लोगों को पकड़ेंगे। दरअसल, ये पुतले एक जगह खड़े होकर अपना काम करने में माहिर होंगे।
सिटी पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने बताया, ‘जगह-जगह खड़े इन पुतलों में जल्दी ही आर्टिफिशल आंखें लगाई जाएंगी, जो कैमरे का काम करेंगी। ये कैमरे चेहरा पहचानने की तकनीक से लैस होंगे और एक सेंट्रल सर्वर से जुड़े होंगे।’

सॉफ्टवेयर के जरिए अपराधियों की पहचान
भास्कर राव आगे बताते हैं, ‘यह सॉफ्टवेयर अपराधियों की पहचान करेगा। यह भी देखेगा कि एक गाड़ी से कितनी बार ट्रैफिक नियम तोड़े गए। उसी हिसाब से चालान तैयार करेगा और पुलिस को इसका अलर्ट भेजेगा। एक पुतले की मदद से शराब पीकर गाड़ी चला रहे एक ड्राइवर की पहचान हुई थी। जब पुतले ये काम करेंगे, तो पुलिसवालों को दूसरे कामों में भी लगाया जा सकता है।’

दूसरे देशों के लोग हमसे सीख रहे-पुलिस कमिश्नर
राव का कहना है कि यह तकनीक तो अभी शुरुआत भर है। इसमें काफी संभावनाएं हैं। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि दूसरे देश भी ये तकनीक देखने आ रहे हैं। अमेरिका और फ्रांस के पुलिस विभाग ने सिटी पुलिस विभाग का दौरा किया है। इन पुतलों के फोटो भी लेकर गए हैं। वह कहते हैं, 'ऐसा नहीं है कि सिर्फ हम ही दूसरे देशों से तकनीक ले रहे हैं। दूसरे देश भी हमसे सीख रहे हैं।'

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि तकनीक की समझ रखने वाले काफी लोग पुलिस फोर्स में आ रहे हैं। कुछ सॉफ्टवेयर इंजिनियरों ने भी कॉन्स्टेबल और पुलिस सब-इंसपेक्टर के तौर पर जॉइन किया है। सिटी आर्म्ड रिजर्व पुलिस फोर्स (कार्प) पर हथियारों की सुरक्षा का जिम्मा है और 37 इंजिनियर कॉन्सटेबल पद पर कार्यरत हैं।

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