लखनऊ
वाराणसी से चलकर लखनऊ के रास्ते कानपुर सेंट्रल जाने वाली वरुणा एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 9.40 बजे चारबाग पहुंची। ट्रेन स्टेशन से कानपुर जाने को तैयार थी। कानपुर जाने वाले तमाम यात्री भी ट्रेन में जल्दी-जल्दी सवार हो गए। ट्रेन को 9.50 बजे चारबाग से कानपुर के लिए रवाना होना था। तभी रेलकर्मियों ने ट्रेन को लखनऊ से कानपुर के बीच निरस्त होने का एनाउंसमेंट शुरू कर दिया। इससे यात्रियों का गुस्सा भड़क गया। ट्रेन से उतरकर पहले यात्रियों ने पूछताछ कार्यालय और फिर उप स्टेशन अधीक्षक वाणिज्य कार्यालय पर दर्जनों की संख्या में एकत्रित होकर हंगामा किया।
यात्रियों ने बताया कि ट्रेन के स्टेशन आने से पहले निरस्त होने की कोई सूचना प्रसारित नहीं हुई। यात्री जाने को तैयार थे और ट्रेन में चढ़ गए। उसके बाद रेलवे ने ट्रेन को निरस्त कर दिया। ट्रेन का यह हाल लगातार बना हुआ है। इससे पहले भी वरुणा एक्सप्रेस को आठ जनवरी, सात फरवरी को सुबह आठ बजे, नौ फरवरी को सुबह 6.39 बजे, 16 फरवरी, 17 फरवरी को 6.21 बजे और 18 फरवरी को अचानक निरस्त किया गया। उधर रेल अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन को निरस्त करने के लिए कंट्रोल से सुबह 9.27 बजे सूचना आई, जिसके बाद ट्रेन को लखनऊ से कानपुर के बीच निरस्त करने किया गया।
चार मेमू भी हुईं निरस्त
मंगगलवार लखनऊ से कानपुर जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रेलवे ने वरुणा एक्सप्रेस के साथ लखनऊ जंक्शन से कानपुर सुबह 7.20 बजे और 9.35 बजे जाने वाली दो मेमू निरस्त कर दी। इसके अलावा कानपुर से बाराबंकी और लखनऊ जंक्शन आने वाली मेमू का संचालन भी रद्द कर दिया गया। इससे लखनऊ-कानपुर के बीच यात्रियों का सफर मुसीबत में पड़ गया। वहीं, गोरखपुर से बांद्रा जाने वाली अंत्योदय एक्सप्रेस रास्ते में 70 मिनट रोककर चारबाग आई। इससे यह ट्रेन चारबाग से 1.27 घंटे की देरी से रवाना हुई।
कागजों में निरस्त मेमू ट्रेन कानपुर हो गई रवाना
लखनऊ जंक्शन से कानपुर जाने वाली दो मेमू का संचालन मंगलवार निरस्त हो गया। रेलवे ने इसकी सूचना देरी से स्टेशन पर भेजी। कंट्रोल से सूचना स्टेशन पर सुबह 9.27 बजे मिली। इससे पहले सुबह 7.20 बजे लखनऊ जंक्शन से जाने वाली मेमू को रेलवे ने 41 मिनट की देरी से चला दिया। यह ट्रेन कानपुर सेंट्रल पर करीब दो घंटे की देरी से लगभग 11 बजे पहुंची। वहीं, सूचना के बाद सुबह 9.35 बजे वाली मेमू को ही स्टेशन अधिकारी निरस्त कर सके। इससे यात्रियों को मुसीबतें उठानी पड़ीं।