बेंगलुरु
पुलिस ने यह जानकारी दी। इससे एक दिन पहले बेंगलुरु में ही सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक महिला ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे, जिसके खिलाफ शुक्रवार को हिंदू जागरण वेदिके ने प्रदर्शन आयोजित किया था। इसी दौरान ''कश्मीर मुक्ति'', ''दलित मुक्ति'' नारे लिखे पोस्टर हाथ में थामे प्रदर्शनकारियों के बीच बैठी महिला दिखाई दी।
शहर के पुलिस प्रमुख भास्कर राव ने कहा कि वेदिके के सदस्यों ने महिला को वहां से चले जाने को कहा, जिसके बाद उसे वहां से हटा दिया गया। राव ने पत्रकारों से कहा, ''महिला की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे हिरासत में ले लिया गया है। हम उसके बारे में जानकारी जुटाएंगे, कि वह कहां रहती है और उसके पीछे कौन है।''
राव ने कहा कि उसने नारेबाजी नहीं की। उसके हाथ में जो पोस्टर थे, उनमें अंग्रेजी और कन्नड़ में ''कश्मीर मुक्ति'', ''दलित मुक्ति'' और ''मुस्लिम मुक्ति'' नारे लिखे थे। यह पूछे जाने पर कि क्या उसे गिरफ्तार किया जाएगा, तो आयुक्त ने कहा कि जांच होने दीजिए। उन्होंने कहा, ''यह कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि उसे कुछ समय पहले ही हिरासत में लिया गया है।''
इससे पहले बृहस्पतिवार (20 फरवरी) को सीएए के खिलाफ आयोजित कार्यक्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की मौजूदगी में अमूल्या लियोना नामक महिला ने तीन बार ''पाकिस्तान जिंदाबाद'' के नारे लगाए थे, जिसकी औवेसी ने तुरंत निंदा की। मंच से उतारे जाने के बाद उसे राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और मजिस्ट्रेट अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।