नई दिल्ली
दिल्ली के शाहीन बाग में 69 दिन से प्रदर्शन जारी है. इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने कालिंदी कुंज से फरीदाबाद और जैतपुर की तरफ जाने वाले रास्ते को खोल दिया है. यूपी पुलिस ने बैरिकेडिंग हटा दी है. यह रास्ता नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली और फरीदाबाद की तरफ जाता है. यह रास्ता 15 दिसंबर से ही बंद था.
हालांकि, अभी शाहीन बाग की ओर से जाने वाली सड़क को नहीं खोला गया है. इस रास्ते को खोलने की कोशिश के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त हैं. दोनों वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन दो दिन शाहीन बाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि पुलिस ने कई सड़क को जानबूझकर बंद किया है.
इन लोगों को होगा फायदा
नोएडा से जैतपुर और फरीदाबाद जाने वाले लोगों को इसका फायदा होगा. 15 दिसंबर से लोगों को डीएनडी के जरिए अपना सफर तय करना पड़ रहा था. इस वजह से डीएनडी पर काफी जाम लग जाता था.
69 दिन से बंद है शाहीन बाग सड़क
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शाहीन बाग में 69 दिन से प्रदर्शन चल रहा था. इस वजह से कालिंदी कुंज से शाहीन बाग की ओर से जाने वाली सड़क बंद है. इसके अलावा महामाया फ्लाई ओवर से जैतपुर और फरीदाबाद की ओर जाने वाली सड़क को भी बंद कर दिया था. इसका असर डीएनडी पर दिखाई दे रहा था.
सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका
हर रोज डीएनडी पर लोगों को जाम से जूझना पड़ता था. बंद सड़क को खोलने की कई दिनों से मांग की जा रही थी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में बकायदा याचिका दायर की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत से मामले का हल निकालने की अपील की थी.
कालिंदी कुंज का रास्ता अभी भी बंद है
यहां आपको बता दें कि कालिंदी कुंज की तरफ की रोड नंबर 13 A अभी भी बंद है। इस रास्ते पर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी अभी भी जमा हैं। इसके कारण नोएडा की तरफ से करीब 500 मीटर पहले से यह रास्ता बंद कर दिया गया है।
दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ 13 दिसंबर से ही प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शन की वजह से नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने वाला यह रास्ता बंद था।लोगों को इससे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा था। फरीदाबाद जाने के लिए लोगों को डीएनडी के जरिए आश्रम होते हुए कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ रहा था।
यही रास्ता खुला है।
शाहीन बाग में प्रदर्शन के कारण बंद इस रास्ते को खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने धरने पर बैठे लोगों को समझाने के लिए तीन सदस्यीय टीम का भी गठन किया जिसमें वकील संजय हेगड़े और सुधा रामचंद्रन के अलावा देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह शामिल हैं। वार्ताकारों ने बुधवार और गुरुवार को शाहीन बाग जाकर प्रदर्शनकारियों को दूसरी जगह शिफ्ट होने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच ओखला पक्षी विहार के पास लगी बैरिकेडिंग हटा ली गई।