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निर्भया के दोषियों को गुस्से पर नियंत्रण के दिए जा रहे टिप्स, दो ने दिखाया था हिंसक व्यवहार

 
नई दिल्ली

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों की तिहाड़ जेल में काउंसलिंग की जा रही है। जेल अथॉरिटी ने यह कदम तब उठाया जब चार में से दो दोषियों, मुकेश सिंह और विनय शर्मा ने जेल स्टाफ के साथ भी हिंसक व्यवहार किया। दोनों ने रुटीन चेक अप के लिए आए जेल स्टाफ के साथ बदतमीजी की जिसके बाद मुकेश और विनय के साथ-साथ अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को भी ऐंगर मैनेजमेंट (गुस्से पर नियंत्रण) का पाठ पढ़ाया जा रहा है। साथ ही, चारों के व्यवहार पर गहन निगरानी रखी जा रही है।

जेल अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार
सूत्रों ने बताया कि विनय ने पिछले एक हफ्ते में खाना देने या जेल के नियम का पालन करने को बोलने आए जेल अधिकारियों के साथ कई बार दुर्व्यवहार किया। मुकेश ने तो नियम मानने से भी इनकार कर दिया। विनय ने गुरुवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर खुद की मानसिक स्थिति बिगड़ने का हवाला दिया और इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर ऐंड अलायड साइंसेज में इलाज करवाने की मांग की थी। एक अधिकारी ने बताया कि जब काउंसलरों ने उसकी जांच की तो उसके दावे के मुताबिक मानसिक अस्थिरता का कोई लक्षण सामने नहीं आया। 

एनजीओ की भी मदद ले रहा तिहाड़ जेल
तिहाड़ जेल अपने काउंसलरों के अलावा एक एनजीओ से भी काउंसरों की मदद ले रहा है। बाहरी काउंसलर निर्भया के दोषियों के साथ-साथ उसकी निगरानी की ड्यूटी निभा रहे जेल अधिकारियों पर भी नजर रख रहे हैं। चारों को सामान्य खान-पान दिया जा रहा है ताकि वे स्वस्थ रहें। उन्हें कपड़ों के अलावा कुछ जरूरी सामान ही रखने की अनुमति है।

वकील का दावा अलग, जेल अधिकारियों का अलग
विनय के वकील का दावा है कि विनय ने सोमवार को मिलने आई अपनी मां को ही पहचानने से इनकार कर दिया। हालांकि, ,जेल अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मां-बेटे की मुलाकात में कुछ भी असामान्य नहीं देखा गया। दरअसल, जेल अथॉरिटीज एकांत में दोषियों के व्यवहार पर नजर तो रख ही रहे हैं, उनका पारिवारिक सदस्यों या वकीलों के साथ व्यवहार भी परखा जा रहा है। वे जब सीसीटीवी कैमरे की जद में नहीं होते हैं या बाथरूम जाते हैं तो भी अधिकारी काफी चौकस रहते हैं। एक अधिकारी ने बताया, 'हर दोषी के पीछे एक-एक गार्ड की विशेष तैनाती की गई है जो सीसीटीवी से इतर उन पर नजर रखते हैं। अगर वो बाथरूम में सामान्य से ज्यादा वक्त लगाते हैं तो गार्ड चौकस हो जाते हैं।' उन्हें एक-दूसरे से मिलने की भी इजाजत है, लेकिन सिर्फ जेल स्टाफ की मौजूदगी में।

 3 मार्च का है तीसरा डेथ वॉरंट
गौरतलब है कि निर्भया के दोषियों को जारी दो डेथ वॉरंट निरस्त होने के बाद 3 मार्च का तीसरा डेथ वॉरंट जारी किया गया है। हालांकि, एक दोषी पवन गुप्ता के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का विकल्प बचा हुआ है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि वह 2 मार्च तक इस विकल्प का उपयोग करेगा ताकि 3 मार्च का डेथ वॉरंट भी निरस्त हो जाए और उनकी फांसी तीसरी बार भी टल जाए।
 

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