नई दिल्ली
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कर्नाटक के गुलबर्गा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया है। वारिस पाठन ने बिना नाम लिए कहा कि पर 15 करोड़ (मुस्लमान) है मगर 100 करोड़ (हिंदुओं) पर भारी पड़ेंगे, ये याद रख लेना। वारिस पठान ने जब यह बयान दिया तो वहां हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे।
एक जनसभा को संबोधित करते हुए वारिस पठान ने कहा कि गुजरात में हमारी मां-बहनों की इजजत लूटी गई और बच्चों को मारा गया वो किस शाखा से आते थे। जामिया और शाहीन बाग में जो पिस्तौल लेकर चला गया वो किसी बात सुनकर चला गया और किस शाखा से आया था जवाब तो दे दो मुझे।
उन्होंने कहा कि अगर उनके पास अल्फाज है तो हमारे पास भी वो जुबान है जो उन्हें मुंह तोड़ जवाब दे सकती है। वो हमारी जुबान की आतिशबाजी का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। हमने ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है, मगर अब इक्ट्ठा होकर चलना होगा।
पठान ने कहा कि आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती उसको छीन कर लेना होगा। अब वक्त आ गया है हमको बोला जाता है कि मां-बहनों को आगे भेज दिया है। अभी तो हमारी शेरनियां बाहर निकली है तो पसीने छूट गए अगर हम साथ में आ गए तो सोच लो क्या होगा।
वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने केन्द्र सरकार पर एनआरसी और एनपीआर पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। ओवैसी ने जनसभा में गुवाहाटी हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी एक बहन ने कोर्ट को 15 कागज दिखाए लेकिन उसे भारत का नागरिक नहीं माना गया। आपको कितने कागज चाहिए? महिला ने जमीन के कागज भी दिए 1966 के वोटर लिस्ट में अपने पिता के नाम होने का सबूत दिया, उसके मां-बाप और उसके भाई का नाम 2015 के वोटर लिस्ट में था।
ओवैसी ने कहा कि कोर्ट ने उसके किसी भी दस्तावेज को नहीं माना। ग्राम प्रधान ने भी लिखकर दिया कि जाबेदा बेगम का निकाह हुआ है। इसलिए मैं कहता हूं यह मामला कागज का नहीं है और अब उन्हें डिटेंशन सेंटर में जाना होगा। वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची है और मैं कहता हूं अगर एनपीआर हो गया तो एनआरसी हो जाएगा। एनआरसी के मामले में प्रधानमंत्री ने फिर से झूठ बोला है।