भोपाल
भोपाल में आज से दो दिवसीय IPS ऑफिसर्स मीट शुरू हो गयी है. सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) ने मिंटो हॉल में इसका शुभारंभ किया.शुभारंभ के साथ ही प्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम (Police commissioner system) लागू करने की मांग उठी तो सीएम ने कहा अभी आपका ये प्रस्ताव एक्सेप्ट नहीं किया है लेकिन इसे रिजेक्ट भी नहीं किया गया है. उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा आप अपनी यूनिफॉर्म की रिस्पेक्ट करें क्योंकि इससे बढ़कर कुछ भी नहीं है.
भोपाल में हो रही इस IPS मीट में प्रदेश भर के आईपीएस अफसर आए हैं. मीट में अपनी स्पीच में एपी आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय यादव ने प्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की मांग सीएम के सामने रखी. उन्होंने कहा पुलिस का काम बहुत टफ है. एमपी में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लाना जरूरी है.
सीएम कमलनाथ ने एसोसिएशन की मांग पर जवाब दिया कि मप्र में पुलिस कमिश्नर सिस्टम अभी एक्सेप्ट नहीं किया है. लेकिन इसे फिलहाल रिजेक्ट भी नहीं किया गया है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश में पुलिस फोर्स को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा. मध्यप्रदेश में कई स्तर पर चुनौतियां हैं.ग्वालियर, चंबल, विंध्य क्षेत्र में काफी चुनौतियां हैं.आज के दौर में अपराधी क्राइम के नये-नये तरीके ढूंढ़ रहे हैं. इंटरनेट के दौर में क्राइम के तरीके भी बदल गए हैं.आज से तीस साल पहले चिटफंड जैसी शिकायतें सुनने नहीं मिलती थीं.इसलिए पुलिस को आधुनिक औऱ हाईटेक तकनीक से लैस करने की जरूरत है.सरकार मप्र पुलिस को हाईटेक औऱ तकनीक से लैस करने के लिए फंडिग करेगी ताकि दूसरे प्रदेशों की तुलना में मध्यप्रदेश पुलिस सबसे आगे रहे. टेक्नालॉजी के मामले में मप्र पुलिस दूसरे राज्यों की पुलिस को ट्रेनिंग दे.
IPS ऑफिसर्स मीट में डीजीपी वीके सिंह ने कहा पुलिस की स्थित बहुत अच्छी नहीं है.पुलिस को आज ना सिर्फ मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से सरंक्षण की जरूरत है. पुलिस सरकार का चेहरा होती है. उन्होंने आईफा समारोह एमपी में कराने के लिए सीएम कमलनाथ की तारीफ की.
बरसों पुरानी है मांगमध्यप्रदेश के दो बड़े शहरों भोपाल औऱ इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की मांग काफी समय से उठ रही है. सरकार बदलने के बाद फिर इस मांग ने ज़ोर पकड़ा. कयास लगाए गए कि 15 अगस्त को इसकी घोषणा होगी. फिर बात 26 जनवरी पर चली गयी. लेकिन सरकार ने अभी तक इसकी घोषणा नहीं की है. पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने प्रस्ताव कई बार गृह विभाग को भेजा जा चुका है.