छत्तीसगढ़

धान पर घमासान: पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को दिया ‘जख्म’, गृह मंत्री ताम्रध्वज ने छिड़का ‘नमक’

रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में धान खरीदी (Bought paddy) को लेकर सरकार और किसानों (Farmer) में घमासान जारी है. प्रदेश के अलग अलग जिलों में किसान सड़कों पर उतर गए हैं. कोंडागांव जिले के केशकाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा गरमाता जा रहा है. पुलिस के दिए इस जख्म सत्ताधारी दल कांग्रेस जहां इस मुद्दें पर बचाव की मुद्रा में वहीं सूबे के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा बयान दिया है. न्यूज़ 18 से बात करते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि किसानों को चक्काजाम कर यातायात अवरूध नहीं करना था, अगर उन्हें कोई समस्या थी तो उचित माध्यम से बातचीत करनी चाहिए थी.

प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधी से लेकर अधिकारियों तक किसानों और आमजनता की समस्या सुनने के लिए मौजूद रहते हैं, उन्हें उनसे बातचीत करनी चाहिए थी. इस तरह से चक्काजाम नहीं करना चाहिए था. बता दें कि धान खरीदी केन्द्रों में बारदाना नहीं होने से मंगलवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और नाराज किसानों ने कोंडागांव राष्ट्रीय राजमार्ग-30 को जाम कर दिया, जिससे जगदलपुर से लेकर नारायणपुर और कांकेर तक रास्ता बंद हो गया था. साथ ही केशकाल घाट में भी गाड़ियों की लंबी कतार लग गई थी. नाराज किसानों से बातचीत करने जब प्रशासन का अमला पहुंचा तो पुलिस की ओर से लाठीचार्ज की गई, जिसमें कई किसान घायल हो गए हैं.

केशकाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में बीजेपी ने आनन-फानन में पूर्व मंत्री केदार कश्यप, लता उसेंडी, पूनम चंद्राकर सहित सेवक राम नेताम और संदीप शर्मा के नेतृत्व में जांच दल गठित कर उन्हें केशकाल के लिए रवाना कर दिया गया है. जांच  दल पीड़ित और प्रभावित किसानों और आमजनों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार कर संगठन को सौंपेगी. जिसपर विधानसभा के बजट सत्र पर हंगामा होना तय माना जा रहा है.

हजारों किसानों का नहीं बिका धानछत्तीसगढ़ में धान खरीदी की मियाद गुरुवार 20 फरवरी को समाप्त हो रही है. इससे पहले प्रदेशभर में किसानों के आंदोलन और प्रदर्शन से सरकार पर खासा दवाब है. बीजेपी से लेकर किसान संगठनों की ओर से धान खरीदी की मियाद 29 फरवरी तक बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है. धान खरीदी में अव्यवस्था और बारदाना नहीं होने के कारण मंगलवार को 4 खरीदी केंद्रों के किसान सड़कों पर उतर आए और चक्काजाम कर दिया तो वहीं 15 खरीदी केंद्रों पर बारदाना नहीं होने के कारण मंगलवार को खरीदी नहीं हो सकी. इसको लेकर मुंगेली, कवर्धा, बीजापुर, कांकेर समेत अन्य जिलों में किसानों ने प्रदर्शन किया.

किसानों की हितौषी होने का दावा करने वाली सरकार में अगर किसान ही सड़कों पर उतर जाए और अगर उन्हें पुलिस द्वारा पीटा जाए तो सत्ताधारी दल कांग्रेस का नाराज होना लाजमी है. सूबे में धान खरीदी व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग को लेकर पीसीसी की ओर से खाद्यमंत्री अमरजीत भगत को एक कड़ा पत्र लिखा गया, जिसमें धान खरीदी में किसानों की समस्याओं को तत्काल दूर करने सहित उचित व्यवस्था करने को कहा गया, इतना ही नहीं पीसीसी की ओर से सभी जिलाध्यक्षों को पत्र लिखकर खरीदी केंद्रों का जायजा लेने और किसानों से बातचीत करने का निर्देश दिया गया है.

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