जबलपुर
पार्षदों द्वारा मेयर के चुनाव का निर्णय लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है। मामला एमपी हाईकोर्ट द्वारा इस विषय पर दाखिल याचिका तथा उसकी रिव्यू को खारिज कर दिए जाने से जुड़ा है। जिस पर याचिकाकर्ता डॉ. पीजी नाजपांडे,रजत भार्गव ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।
राज्य शासन के 20 अक्टूबर 2019 को जारी अध्यादेश मुताबिक नगर-निगम एक्ट में संशोधन कर मेयर चुनाव जनता की बजाय पार्र्षदों से कराया जाना तय किया गया है। इसे पहले हाईकोर्ट में और अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक साल 1997 में तत्कालीन राज्य सरकार ने एक्ट में संशोधन कर मेयर चुनाव पार्र्षद की बजाय जनता से कराने का निर्णय लिया था। जिसे उस समय हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी तब हाईकोर्ट ने जनता द्वारा मेयर चुनना सही माना था। चूंकि जिस बात को 1997 में स्वयं हाईकोर्ट सही मान रहा है वह 2020 में गलत कैसे मानी जा रही है इसलिए राज्य सरकार को इस मामले पर पुर्नविचार करना चाहिए क्योंकि सरकार का यह रवैया यू-टर्न लेने जैसा है।