नई दिल्ली
दिल्ली के प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि पटाखे और पराली जलाने से कुछ दिन प्रदूषण फैलते हैं, लेकिन आवोहवा खराब करने में गाड़ियों का सबसे ज्यादा योगदान है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सलाह मांगी है।
चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा, 'मंत्री गडकरी के पास कई नए आइडिया हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे कोर्ट आएं और हमें प्रदूषण को रोकने के उपाय सुझाएं। वे इन सुझावों को लागू करवाने की भी स्थिति में हैं।'
चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि हम केंद्रीय मंत्री को यहां आने के लिए कोई आदेश नहीं दे रहे हैं, हमारा उनसे अनुरोध है कि वे यहां आएं और नए आइडिया शेयर करें।
कोर्ट में आकर बात करें केंद्रीय मंत्री
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से, सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों और सरकारी वाहनों की जगह क्रमिक रूप से विद्युत चालित वाहन (ईवी) लाने के मुद्दे पर बुधवार को इच्छा जताई कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री इस विषय पर न्यायालय में आकर बातचीत करें।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिरिक्त सालीसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी से पूछा कि क्या मंत्री अदालत की सहायता के लिए बातचीत करने आ सकते हैं।
मंत्री के कोर्ट आने में कोई गलत बात नहीं
पीठ ने नादकर्णी से कहा, ‘क्या पर्यावरण मंत्री सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं और बिजली अथवा हाइड्रोजन से चलने वाले गैर-प्रदूषणकारी वाहन लाने के प्रस्ताव पर जानकारी दे सकते हैं ?’ नादकर्णी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री के आने का राजनीतिक कारणों से दुरुपयोग किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं के अदालत में उपस्थित होने में कुछ गलत नहीं है। पीठ ने कहा, ‘हम समझते हैं कि प्रशांत भूषण जी राजनीतिक शख्सियत हैं, लेकिन वह मंत्री से जिरह करने नहीं जा रहे हैं।’
पीठ ने चार सप्ताह के लिए सुनवाई स्थगित की
इससे पहले सुनवाई के दौरान एनजीओ सीपीआईएल की ओर से भूषण ने कहा कि राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी मिशन योजना, 2020 पेश की गयी थी, जिसके अनुसार सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने थे। भूषण ने कहा कि योजना के अंतर्गत अधिकारियों को सब्सिडी मुहैया कराके बिजली चालित वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देना होगा।
उन्हें मॉल तथा पेट्रोल पंप समेत सार्वजनिक स्थलों पर बिजली से चलने वाले वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने होंगे। पीठ ने चार सप्ताह के लिए सुनवाई स्थगित कर दी और आदेश दिया कि इस दौरान बिजली चालित वाहनों से संबंधित सभी मुद्दों पर सरकार विचार करे।
खराब श्रेणी में दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्त
उधर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 273 रिकॉर्ड किया गया। यह जानकारी केंद्र संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्ट एंड रिसर्च (सफर) ने दी। क्षेत्र में प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 10 और पीएम 2.5 की संख्यां क्रमश: 228 और 112 मापी गई। वायु प्रदूषण के लिहाज से यह स्थिति ‘खराब’ श्रेणी में है।
हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की भविष्यवाणी के अनुसार बुधवार को गरज-चमक के साथ आंधी-तूफान की संभावना है, ऐसे में वायु गुणवत्ता का स्तर गिर सकता है। सफर के अनुसार, ‘पश्चिमी विक्षोभ, उत्तरी-पश्चिमी भारतीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे वायु गति में तेजी आ सकती है। एक्यूआई 20 फरवरी तक खराब श्रेणी के निचले स्तर पर जा सकता है।
वहीं 21 फरवरी तक वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।’ सफर ने अस्थमा से पीड़ित लोगों को दवा अपने साथ रखने की सलाह दी है। आईएमडी के अनुसार, सफदरजंग क्षेत्र का तापमान सुबह 8.30 बजे 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।