रायपुर
शराबबंदी (Liquor Ban) के नाम पर प्रदेश में राजनीति जारी है. शराबबंदी को लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और विधायक सत्यनारायण शर्मा (Satyanarayan Sharma) की अध्यक्षता में गठित कमेटी में बीजेपी (BJP) विधायकों को शामिल होने के लिए सरकार की ओर से तीसरा पत्र (Letter) भेजा गया. इससे पहले सरकार द्वारा भेजे गए दो पत्रों का बीजेपी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया और ना केवल बीजेपी बल्कि जोगी कांग्रेस (JCC J) के विधायकों को भी कमेटी में शामिल करने के लिए सरकार ने तीसरा पत्र भेजा है. सरकार कमेटी के सुझाव पर शाबबंदी का निर्णय लेना चाहती है और यहीं कारण है कि कमेटी का कोरम पूरा करने के लिए सरकार की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है. मगर बीजेपी और जोगी कांग्रेस की बेरूखी ने शराबबंदी पर निर्णय लेने पर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. बता दें कि सत्ताधारी दल कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में राज्य में पूर्ण शराबबंदी को बड़ा मुद्दा बनाया था.
शराबबंदी के लिए गठित कमेटी में शामिल होने के लिए सरकार द्वारा बीजेपी को भेजे गए तीसरे पत्र का जवाब देते हुए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवला (Brijmohan Agrawal) ने कहा कि सरकार की नीयत ही शराबबंदी की नहीं है. अगर सरकार को शराबबंदी ही करना है तो तो फिर कमेटी बनाने की क्या जरूरत है. साथ ही यह भी कहा कि सरकार शराबबंदी का वादा कर सत्ता तक पहुंचने में कामयाब होने वाली कांग्रेस की सरकार अब खराबबंदी के नाम पर प्रदेशवासियों से बड़ा मजाक कर रही है.
पूर्ण शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस की सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में महज 49 अंग्रेजी शराब दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है. हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने 50 शराब दुकान बंद किया था. 49 शराब दुकान बंद करने की जानकारी देते हुए वरिष्ठ मंत्री मो. अकबर ने कहा कि शराबबंदी के मामले पर विपक्ष का साथ नहीं मिल पा रहा है, विपक्ष के लोग केवल हल्ला मचाते है. कमेटी में शामिल होने के लिए बार-बार आमंत्रित किया जा रहा है मगर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है.