पेइचिंग
चीन में फैले कोरोना के खौफ ने दुनियाभर में लोगों को हिला दिया है। हर दिन नॉवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन अभी भी बड़ा सवाल है कि आखिर इस खतरनाक वायरस की शुरुआत कहां से हुई। चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान को इस बीमारी का केंद्र माना गया है। लेकिन अब चीनी वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है कोरोना वायरस की शुरुआत वुहान के फिश मार्केट से कुछ दूर स्थित एक सरकारी रिसर्च लैब से हुई हो।
चीन की सरकारी लैब से फैला कोरोना
चीन की सरकारी साउथ चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी के मुताबिक, हुबेई प्रांत में वुहान सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (WHDC) ने रोग फैलाने वाली इस बीमारी के वायरस को जन्म दिया हो। स्कॉलर बोताओ शाओ और ली शाओ का दावा है कि WHCDC ने लैब में ऐसे जानवरों को रखा जिनसे बीमारियां फैल सकती हैं, इनमें 605 चमगादड़ भी शामिल थे। उनके मुताबिक, 'हो सकता है कि 2019-CoV कोरोना वायरस की शुरुआत यहीं से हुई हो।' इसके अलावा इनके रिसर्च पेपर में यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार चमगादड़ों ने एक बार एक रिसर्चर पर हमला कर दिया और चमगादड़ का खून उसकी स्किन में मिल गया।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'रोगियों में मिले जीनोम सीक्वेंस 96 या 89 फीसदी थे जो बैट CoC ZC45 कोरोना वायरस के समान हैं लेकिन ये मूल रूप से राइनोफस एफिनिस में पाए जाते हैं।' रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां मौजूद देसी चमगादड़ वुहान के सीफूड मार्केट से करीब 600 मील दूर पाए जाते हैं। और यूनन व झेजियांग प्रांत से उड़कर आए चमगादड़ों की संख्या शायद बहुत कम रही होगी। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को चमगादड़ खाने की सलाह बहुत कम दी जाती है। 31 निवासियों और 28 विजिटर्स ने इस बारे में गवाही भी दी है।
फिश मार्केट से कुछ ही दूर थी लैब
इसके अलावा इन वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि यह रिसर्च WHCDC की सिर्फ कुछ गज बड़ी एक लैब में की जा रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, WHCDC में एक रिसर्चर ने बताया था कि एक चमगादड़ का खून स्किन में आने के बाद उसने खुद को दो हफ्तों तक अलग रखा था। इसी व्यक्ति ने एक चमगादड़ द्वारा पेशाब किए जाने के बाद भी खुद को अलग रखा था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि WHCDC को पास के यूनियन हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया था जहां डॉक्टर्स का पहला ग्रुप कोरोना वायरस से संक्रमित था। यह मुमकिन है कि वायरस आसपास फैल गया और इनमें से कुछ ने इस खतरनाक बीमारी के शुरुआती मरीजों को अपनी चपेट में ले लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि हो सकता है वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने वायरस लीक किया हो। इससे पहले भी इस तरह की खबरें सामने आ चुकी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'इस लैब ने ही यह बताया था कि चीनी हॉर्सशू चमगादड़ ही 2002-2003 में फैले सीवियर अक्यूट रेस्पायरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (SARS-CoV) के लिए जिम्मेदार थे।' इस रिपोर्ट के आखिर में कहा गया है कि हो सकता है जानलेवा कोरोना वायरस की शुरुआत वुहान की एक लैब से हुई हो।