नई दिल्ली
आने वाले महीनों में चीनी की कीमत बढ़ सकती है. दरअसल, क्रिसिल रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मौसम की प्रतिकूल स्थिति के कारण चीनी उत्पादन में कमी आ सकती है. इस वजह से चीनी की कीमत 8 फीसदी तक बढ़ने की आशंका है. क्रिसिल के मुताबिक सितंबर 2020 तक के सत्र में चीनी का दाम बढ़कर 33-34 रुपये प्रति किलोग्राम हो सकता है. बता दें कि चीनी सत्र अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक का होता है.
10 फीसदी तक उत्पादन में कमी
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी उत्पादन में 10 फीसदी की कमी आ सकती है. इसके अलावा निर्यात में 20 फीसदी की वृद्धि के कारण चीनी के भंडार में भी गिरावट आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक एकमुश्त निर्यात सब्सिडी की घोषणा के बाद सत्र 2019 के लिए चीनी निर्यात 38 लाख टन होने का अनुमान है जो सत्र 2020 में बढ़कर 45 – 50 लाख टन तक हो सकता है. इस वजह से चीनी की कीमतों में इजाफा होने की आशंका है.
दरअसल, सत्र 2019 के लिए, सरकार ने निर्यात की जाने वाली चीनी के लिए प्रति टन 1,000-3,000 रुपये प्रति टन की ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी और इसके साथ ही गन्ने के लिए 139 रुपये प्रति टन की कच्चा माल सब्सिडी देने का फैसला किया था. निर्यात की गई चीनी पर 1,000-3,000 रुपये प्रति टन की ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी निर्यात करने वाले चीनी मिल से निकटतम पोर्ट के बीच की दूरी के आधार पर तय की जाएगी.
कुल मिलाकर यह सब्सिडी निर्यात की गई चीनी पर 2,300-4,300 रुपये प्रति टन बैठेगी. हालांकि क्रिसिल का मानना है कि 60 लाख टन चीनी के निर्यात लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं है. दरअसल, अधिक वैश्विक भंडार होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें कमजोर बने रहने की उम्मीद है.