वाराणसी
काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन (Kashi Mahakal Express Train) में एक बर्थ पर भगवान शिव (Lord Shiva) का मंदिर बनाया गया है. यह सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित करके खाली रखी गई है. एक्सप्रेस ट्रेन के कोच बी-5 के सीट नंबर 64 को भगवान शिव के एक छोटे मंदिर में बदल दिया गया है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. यह ट्रेन वाराणसी से इंदौर तक जाएगी और भगवान शिव के तीन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करवाएगी.
इस ट्रेन में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने ने नए विचार के बाद रेलवे प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि ट्रेन में स्थायी तौर पर ‘भोले बाबा’ के लिए एक सीट आरक्षित कर दी जाए. यह ट्रेन इंदौर के निकट ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ तीन ज्योतिर्लिंग को जोड़ेगी.
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि कोच संख्या बी-5 की सीट संख्या 64 भगवान के लिए खाली की गई है. रेलवे ने आईआरसीटीसी संचालित तीसरी सेवा शुरू की है. यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के वाराणसी से मध्य प्रदेश के इंदौर तक जाएगी. कुमार ने कहा, ‘ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है.’ उन्होंने कहा, ‘सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है, ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है.
दीपक कुमार ने कहा कि ऐसा स्थायी तौर पर करने के लिए विचार किया जा रहा है. वाराणसी से इंदौर के बीच सप्ताह में तीन बार चलने वाली इस ट्रेन में भक्ति भाव वाली हल्की ध्वनी से संगीत बजेगा और प्रत्येक कोच में दो निजी गार्ड होंगे और यात्रियों को शाकाहारी खाना परोसा जाएगा.