नई दिल्ली
रामलीला ग्राउंड अरविंद केजरीवाल की शपथ के लिए सजकर तैयार है, मैदान में करीब 45 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं. और भी कई तरह के इंतजाम मैदान में किए गए हैं. खुद अरविंद केजरीवाल ऑडियो और वीडियो के जरिए दिल्लीवालों से अपील कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके शपथ समारोह में पहुंचे. अरविंद केजरीवाल एक बार फिर उसी ऐतिहासिक रामलीला मैदान में शपथ लेने के लिए तैयार हैं, जहां पर पहले दो बार वो मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. अब इंतजार है उस पल का, जब अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगें. दिल्ली की जिस जनता ने उन्हें दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपी है, वो इस शपथ समारोह की गवाह बनेगी.
चुनाव में अपने वोट से दिल्लीवालों ने बता दिया है कि उनका भरोसा आम आदमी पार्टी पर ही है. 2013 और 2015 की तरह अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इसीलिए दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान को सजा-संवार कर सुंदर बनाया गया है. मैदान में पूरी 45 हजार कुर्सियां लगवाई गई हैं. सभी कुर्सियां किसी वीआईपी गेस्ट के लिए नहीं बल्कि दिल्ली की उस जनता के लिए लगाई गई हैं जिसने दिल्ली के सिंहासन पर आम आदमी पार्टी को एक बार फिर बैठा दिया है.
दिल्ली के चुनावी परिणामों से अरविंद केजरीवाल काफी गदगद हैं. इसीलिए उन्होंने तय किया है कि रामलीला मैदान में होने वाले उनके इस शपथ समारोह में जनता ही मुख्य रूप से उनकी मेहमान होगी. मैदान में इस बार कोई टेंट नहीं लगाया गया है, ताकि शपथ ग्रहण आसानी से देखा जा सके. इसके साथ ही मैदान में 12 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं. पूरे मैदान में साउंड सिस्टम लगाए गए हैं. विधायकों और अधिकारियों के लिए अलग एंक्लोजर बनाया गया है. इसके अलावा रामलीला मैदान में कई केबिन भी बनाए गए हैं.
मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, दिल्ली के सातों सांसदों, नवनिर्वाचित आठों बीजेपी विधायकों और सभी नगर निगम पार्षदों को भी आमंत्रित किया गया है. हालांकि पीएम मोदी रविवार को वाराणसी में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले हैं. इसके अलावा AAP ने चुनाव परिणाम के दिन पार्टी कार्यालय परिसर में अपने पिता के साथ केजरीवाल के पुराने गेटअप में पहुंचे एक साल के 'छोटे मफलरमैन' अव्यान तोमर को भी खासतौर से आमंत्रित किया है.
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल का इस रामलीला ग्राउंड से बहुत पुराना नाता है. ये वही रामलीला मैदान है, जहां से अरविंद केजरीवाल इतने बड़े राजनीतिक चेहरा बने. यहीं से उन्होंने राजनीति की पाठशाला में एंट्री ली थी, और यहीं से दिल्ली का सिंहासन हासिल किया था. साल 2013 में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना आंदोलन के मुख्य कर्णधारों में अरविंद केजरीवाल भी थे. आंदोलन चला, आंदोलन खत्म हुआ, अन्ना वापस रालेगण सिद्धि लौट गए, मगर अरविंद डटे रहे.
इस मैदान से अरविंद ने पार्टी बनाने का ऐलान किया. चुनाव लड़े, चुनाव जीते और पहली बार इसी राम लीला मैदान से मुख्यमंत्री की शपथ ली. यही नहीं दूसरी बार भी अरविंद केजरीवाल ने इसी रामलीला मैदान से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अब एक बार फिर यानी तीसरी बार इसी रामलीला मैदान से वो शपथ लेने के लिए तैयार हैं. अरविंद केजरीवाल ने आठ बरस पहले यहीं से राजनीति के गलियारे की ओर जो पहला कदम बढ़ाया था, उसे नापकर अब वो तीसरी बार दिल्ली के मुखिया बन गए हैं.
दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को इतने वोट दिए कि आप ने दिल्ली में 62 सीटें जीतकर सुनामी ला दी. बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गजों के प्रचार करने के बावजूद बीजेपी महज आठ सीटों पर अटक गई और कांग्रेस के हिस्से एक बार फिर शून्य ही आया. अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रपपति रामनाथ कोविंद ने अधिसूचना जारी कर दिल्ली का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया है.
केजरीवाल 16 फरवरी को दोपहर सवा 12 बजे रामलीला मैदान में शपथ लेंगे. अरविंद केजरीवाल के साथ उनके 6 विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेगें, ये वही नेता हैं, जो अरविंद केजरीवाल की पिछली सरकार में भी मंत्री रहे हैं. आपको बता दें कि रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल के साथ मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम मंत्री पद की शपथ लेंगे.
आदमी पार्टी को उम्मीद है कि रविवार को रामलीला मैदान में होने जा रहे शपथ ग्रहण समारोह में एक लाख लोग पहुंचेंगे. गोपाल राय ने कहा है कि समारोह में लगभग एक लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि आम आदमी छह गेटों- गेट नंबर 4, 5, 6, 7, 8 और 9 से रामलीला मैदान में प्रवेश कर सकेंगे.