नई दिल्ली
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के दिल्ली मुख्यालय 24 अकबर रोड में बदलाव की कवयाद चल रही है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्वास्थ्य और दिल्ली में अपमानजनक हार के बाद पार्टी की चिंताएं बढ़ गई हैं. इसके मद्देनजर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की मांग जोर पकड़ रही है. जबकि अप्रैल में होने जा रहे राज्यसभा चुनावों के पहले पार्टी के पुराने चेहरे इस अपरिहार्य हो चुके बदलाव का विरोध कर रहे हैं.
पार्टी के पुराने नेताओं की राय
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्वास्थ्य को देखते हुए राहुल गांधी के समर्थक चाहते हैं कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष के रूप में बहाल किया जाए, जबकि पार्टी के पुराने नेताओं की राय है कि इससे गलत संदेश जाएगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी को अंतिम रूप से बहाल किए जाने से पहले गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को अध्यक्ष चुना जाए. लेकिन राहुल के करीबी नेता और पार्टी की युवा ब्रिगेड पार्टी की स्थिति को लेकर बेचैन हो रही है.
दिल्ली के चुनावों में हाल ही में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में खुशी के संकेत देखकर पार्टी की युवा ब्रिगेड बेचैन है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और शर्मिष्ठा मुखर्जी जैसे नेताओं के ट्वीट इस बात के पर्याप्त संकेत हैं कि पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है और पुरानी व नई पीढ़ी के नेताओं बीच व्यापक दरार मौजूद है.
पार्टी मुख्यालय में इस बात को लेकर कोलाहल है कि अप्रैल में राज्यसभा के चुनाव के बाद नेतृत्व में बदलाव कर दिया जाए. होली के बाद AICC कन्वेंशन की तारीख तय की जानी है ताकि राहुल गांधी को पार्टी को अध्यक्ष चुना जा सके.
9 सदस्यों को RS भेज सकती है कांग्रेस
हालांकि, राहुल गांधी की पुन: ताजपोशी के पहले राज्यसभा सीटों को लेकर दोनों गुटों के बीच तनातनी के आसार दिख रहे हैं. इस वर्ष कांग्रेस के कुल 18 कांग्रेस सदस्य राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस राज्यसभा में सिर्फ 9 सदस्य भेज सकती है.
अप्रैल में कांग्रेस शासित प्रदेशों जैसे छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश में राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं. मोतीलाल वोहरा, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, मधुसूदन मिस्त्री और हुसैन दलवई जैसे दिग्गज कांग्रेसी राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं. राहुल गांधी का मानना है कि राज्यसभा की खाली हो रही सीटों पर युवा नेताओं को भेजा जाए. ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह जैसे नेता राहुल गांधी के करीबी समझे जाते हैं.