नई दिल्ली
कुछ ही दिनों पहले आइकिया ने दुनियाभर से अपने मेड-इन इंंडिया मग्स को वापस मंगाया था और लोगों से इनका इस्तेमाल बंद करने के लिए कहा था। आइकिया के इन मग्स में कथित तौर पर केमिकल का ज्यादा अंश होने की आशंका थी। कंपनी इस मामले को लेकर काफी चिंतित है। यही वजह है कि मामले की जांच के लिए पिछले हफ्ते कंपनी की फैक्ट फाइंडिंग टीम भारत आई थी। यह जानकारी मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने दी है।
कंपनी को ज्यादा केमिकल की दिक्कत की वजह से दुनियाभर में इन मग्स को वापस लेना पड़ा था। एक सूत्र ने बताया कि पिछले हफ्ते आइकिया की कंप्लायंस टीम जांच के सिलसिले में वड़ोदरा स्थित शैली इंजिनियरिंग पहुंची थी। कथित तौर पर इसी कंपनी ने खराब मगों की सप्लाई की थी।
400 स्टोर्स से वापस मंगाए मग
इस महीने की शुरुआत में स्वीडन की फर्नीचर और होम प्रॉडक्ट्स बनाने वाली कंपनी आइकिया ने ऐलान किया था कि वह दुनियाभर के अपने 400 से अधिक स्टोर से Troligtvis-ब्रैंडेड मग्स को वापस ले रही है। इसकी भारत में कीमत 129 रुपये प्रति मग थी। आइकिया ने इस प्रॉडक्ट को अक्टूबर 2019 से दुनियाभर में बेचना शुरू किया था।
शैली इंजिनियरिंग में जांच को पहुंची आइकिया की टीम
उसकी जांच और टीम के शैली इंजिनियरिंग दौरे को लेकर ईमेल से सवाल पूछा था जिसके जवाब में कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, ‘आइकिया दुनियाभर में 1,600 सप्लायर्स के साथ काम करती है। हम गोपनीयता और कारोबारी वजहों से किसी इंडिविजुअल सप्लायर्स से संबंधों के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं कर सकते हैं।’ वहीं, शैली इंजिनियरिंग के चीफ स्ट्रैटिजी ऑफिसर संजय शाह ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मग्स में डिबुटिल फॉलेट तय लिमिट से ज्यादा!
ली के एमडी अमित सांघवी ने कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद ऐनालिस्ट्स कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा था कि कंपनी पर रिकॉल का तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने 4 फरवरी को इन्वेस्टर्स से कहा था, ‘फिलहाल हमारी प्रॉडक्ट रिकॉल पर कोई जवाबदेही नहीं है।’ आइकिया ने मग्स वापस मंगाने का फैसला जांच में डिबुटिल फॉलेट का लेवल ज्यादा मिलने पर किया था जिसका इस्तेमाल प्लास्टिसाइजर की तरह किया जाता है। इससे प्लास्टिक के प्रॉडक्ट ज्यादा फ्लेक्सिबल और ड्यूरेबल बनते हैं।
फॉलेट डालने पर रोक!
सांघवी ने ऐनालिस्ट्स से कहा कि ट्रैवल मग्स के रिकॉल में शैली की कोई गलती नहीं थी। उन्होंने कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘प्रॉडक्ट में कुछ समस्या थी जिसके चलते प्रॉडक्ट वापस लेने की पहल की गई लेकिन यह दिक्कत शैली के मैन्युफैक्चरिंग से नहीं जुड़ी है।’ आइकिया ने कहा कि कंपनी प्रॉडक्ट्स की सेफ्टी और कन्ज्यूमर हेल्थ उसकी टॉप प्रायरिटी हैं और हमने वर्षों से खाद्य संपर्क में आने वाले प्रॉडक्ट्स में फॉलेट डालने पर प्रतिबंध लगा रखा है।