कोलकाता
चीन में करॉना वायरस का फैलना भारत के लिए एक मौका है। इस मौके का फायदा उठाकर भारत निर्यात के मामले में चीन को मात दे सकता है। चीफ इकनॉमिक अडवाइजर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का कहना है कि चीन में इस वायरस का प्रकोप, भारत के लिए निर्यात बढ़ाने का अवसर हो सकता है। भारत, एशिया में चीन के प्रमुख ट्रेड पार्टनरों में से एक है और उसका चीन के साथ व्यापार घाटा (ट्रेड डेफिसिट) भी काफी ज्यादा है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'यह कहना बहुत मुश्किल है कि ट्रेड के लिहाज से इसका भारत-चीन के रिश्तों पर क्या असर होगा। हालांकि करॉना वायरस भारत को निर्यात आधारित मॉडल फॉलो करने का एक अच्छा मौका जरूर देता है।' ये बातें कृष्णमूर्ति ने आईआईएम कलकत्ता में कहीं।
उन्होंने आगे कहा, चीन कई तरह के कॉम्पोनेंट्स और पार्ट्स का आयात करता है और उन्हें असेंबल कर निर्यात करता है।वह बोले, 'भारत भी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में इसी पैटर्न पर काम करता है। ऐसे में, इस लिहाज से देखा जाए तो भारत के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है।'
जीडीपी पर बात करते हुए सुब्रमण्यन ने कहा कि इकनॉमिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष में इसके 6-6.5 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया गया है। यह अनुमान की आधारों पर तय किए गया है। आम बजट में भी ग्रामीण खपत और कैपिटल एक्सपेंडिचर पर बहुत ज़ोर दिया गया। इसके साथ ही वह बोले, 'किसी भी इकॉनमी में ग्रोथ रेट सिथ्र नहीं रहती, बल्कि हमें औसत दर को एक रेंज में रखना होता है।'
चीन के हुबेई से 94 नई मौतों की सूचना सामने आने के बाद वहां करॉनो वायरस की महामारी से मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 1,110 तक पहुंच गई।