मध्य प्रदेश

अनुसूचित जाति वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में मिले योजनाओं का लाभ

भोपाल

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ.रामशंकर कथेरिया ने कहा है कि केन्द्र और राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण और विकास के लिए संचालित योजनाओं का लाभ उनकी जनसंख्या के अनुपात में उन्हें मिले, यह सुनिश्चित करना हम सबका दायित्व है। संविधान की भावना के अनुरूप इस व्यवस्था को बेहतर तरीके से मूर्त रूप देने के लिए मैदानी शासकीय अमले का कमजोर तबकों के प्रति अधिक संवेदनशील होना आवश्यक है।  कथेरिया प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की मंत्रालय में समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा में प्रदेश के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया, आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एल.मुरूगन,  के.आर. रामलू, सदस्य डॉ.योगेन्द्र पासवान तथा डॉ.  स्वराज विद्वान भी उपस्थित थी।

समीक्षा में महिला साक्षरता, प्राथमिक तथा माध्यमिक शाला स्तर पर विद्यार्थियों का नामांकन, शाला में ठहराव, शिक्षा की गुणवत्ता, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्‍मान भारत योजना, मुद्रा और स्टेंडअप इण्डिया योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधित्व के बारे में जानकारी दी गई। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित छात्रावासों, केन्द्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं, सीवेज सफाई में मानव श्रम के उपयोग के नियमन, मनरेगा तथा शासकीय सेवाओं में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधित्व और पदोन्नति की स्थिति के बारे में भी विस्तृत चर्चा हुई।

आयोग ने महिला साक्षरता की स्थिति में सुधार लाने और शालाओं में विद्यार्थियों के नामांकन को प्रोत्साहित करने के लिए जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रर से चाईल्ड ट्रेकिंग सिस्टम को जोड़कर नामांकन के लिए अभियान चलाने का सुझाव दिया। आयोग को प्रदेश में आरंभ ज्ञानोदय विद्यालयों से शिक्षा की गुणवत्ता में आए सुधार से अवगत कराया गया। राज्य शासन ने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग, एकीकृत बाल विकास योजना तथा कमजोर तबकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए केन्द्र से जारी हो रही राशि पर आयोग से पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

मुख्य सचिव एस.आर.मोहन्ती ने कहा कि अनुसूचित जनजाति बहुल्य क्षेत्रों के समान अनुसूचित जाति बहुल्य क्षेत्रों को एकीकृत रूप से विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने आयोग को आश्वस्त कराया कि अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में प्रदेश में संचालित योजनाओं में अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था करने और सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। श्री मोहन्ती ने आयोग को बताया कि मनरेगा के तहत हितग्राहियों को भुगतान व्यवस्था आधार लिंक है और भुगतान हितग्राही के एकाउंट में सीधे जारी होता है। आयोग ने शासकीय सेवा में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधित्व की कमी को समाप्त करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। आयोग को अवगत कराया गया कि प्रदेश में आदर्श पदोन्नति नियमों पर विचार-विमर्श जारी है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन  के.के.सिंह, प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण  विनोद कुमार, पुलिस महानिदेशक  वी.के.सिंह सहित विभिन्न विभाग के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

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