भुवनेश्वर
ओडिशा में गंजाम जिले के गोलंतारा इलाके में रविवार को बिजली के तार के संपर्क में आने से एक बस में आग लग गई। इस दुर्घटना में छह महिलाओं सहित 10 यात्रियों की जलने से मौत हो गई जबकि 22 अन्य जख्मी हो गए। गंजाम के जिलाधिकारी विजय अमृत कुलांगे और ब्रह्मपुर के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा ने बताया कि 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 5 लोगों को यहां एमकेसीजी चिकित्सा महाविद्यालय-अस्पताल और कटक के एससीबी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
एससीबी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल के आपात चिकित्सा अधिकारी बीएन महाराणा ने बताया कि 11 वर्षीय एक लड़के की मौत यहां लाते समय रास्ते में हुई। उन्होंने बताया कि यहां लाए गए अन्य 5 लोगों की हालत बेहद नाजुक है। पुलिस ने बताया कि हादसा मनदाराजपुर में उस समय हुआ जब बस जंगलपाडु से चिकरादा जा रही थी और उसमें करीब 40 यात्री सवार थे।
ब्रह्मपुर सदर के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) जयंत कुमार महापात्रा ने बताया कि बस में सवार लोग एक नजदीकी गांव में सगाई समारोह में शिरकत करने जा रहे थे। उन्होंने बताया कि बस 11 किलोवाट की क्षमता वाली बिजली के तार के संपर्क में आ गई जिससे उसमें आग लग गई। मुख्य दमकल अधिकारी सुकांत सेठी ने बताया कि आग को बुझा दिया गया है। दुर्घटना के बाद बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई और बस में फंसे सभी लोगों को निकाल कर तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक बस की छत पर सामान रखा था। बस चालक ने संकरी सड़क पर दो पहिया वाहन को रास्ता देने की कोशिश की उसी समय वह बिजली तार के संपर्क में आ गई। सेठी ने बताया कि घटना की गंभीरता से जांच कर हादसे की परिस्थितियों का पता लगाया जाएगा।मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने हादसे में घायल लोगों के नि:शुल्क इलाज की घोषणा की है।
राज्य के परिवहन मंत्री पद्मानाभ बेहरा ने कहा कि पूरी घटना की गंभीरता से जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घटना पर शोक जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की। घटना की जांच कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि दोबारा ऐसी घटना होने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।