पटना
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि तमाम तरक्की के बावजूद कृत्रिम आंख, हृदय, लीवर व किडनी नहीं बनाया जा सकता है। 2018 में देश में 1.51 लाख लोग दुर्घटना में असमय मरे। दुर्घटनाग्रस्त ब्रेनडेथ व्यक्ति का ही अंग प्रत्यारोपन हो सकता है। जीवित व्यक्ति रक्तदान व मृत्यु उपरांत शरीर व नेत्रदान करे तो इससे न केवल दूसरों की जिन्दगी बचाई जा सकती है बल्कि स्वयं भी अमरत्व को प्राप्त कर सकते हैं। दधीचि देहदान समिति देहदान करने वाले परिवारों को एक लाख व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेगी।
अपने सरकारी आवास पांच देशरत्न मार्ग में दधीचि देहदान समिति की पहली राज्यस्तरीय बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दधीचि देहदान समिति का शुभारंभ आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने की थी। आज इसका विस्तार बिहार के सभी जिले में हो गया है। कहा कि 8.42 करोड़ के लागत से बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आईबैंक स्थापित हो रहा है। भागलपुर व गया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आई-बैंक स्थापित हो चुका है। शेष मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 3-4 महीने में आई बैंक प्रारंभ हो जाएगा। समिति के प्रयास से अन्तरज्योति बालिका विद्यालय, कुम्हरार, पटना के 3 नेत्रहीन बच्चियों का सफल नेत्र प्रत्यारोपन हुआ। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी समिति के कार्यों की जमकर सराहना की। सम्मेलन में समिति के सचिव विमल जैन, डा. सुभाष प्रसाद, प्रदीप चैरसिया, संजीव यादव, सुनील कुमार पूर्वे, डा. विभूति प्रसन्न सिंह, डा. राजीव सिंह व डा. निलेश मोहन ने भी अपने विचार रखे।