मुंबई
'क्या आप चीन का बना मसालेदार ब्रॉड बीन पेस्ट यूज कर रहे हैं?' मुंबई के एक लग्जरी होटल के रेस्तरां में चाइनीज रेसिपी हुनान चिकन का ऑर्डर देते हुए एक मेहमान ने यह सवाल पूछा। ऑर्डर लेने वाले शख्स ने बिना पलक झपकाए ना में जवाब दिया। इससे पहले कि मेहमान दूसरा सवाल करता उसने कहा, 'हमारी सभी सामग्री मेड इन इंडिया है या फिर सिंगापुर से है।'
रेस्तरां के कर्मचारी जानते हैं कि उनके यहां आए मेहमान के सवाल पूछने की वजह क्या है। चीन के वुहान प्रांत से फैले खतरनाक करॉना वायरस ने अब तक वहां 800 से ज्यादा लोगों की जान ली है। 37 हजार से ज्यादा लोग इसके संक्रमण की चपेट में हैं। ऐसे में मुंबई के जिन रेस्तरां में चाइनीज फूड सर्व किया जाता है, वहां रेसिपी के इन्ग्रीडियेंट्स (सामग्री) के बारे में कस्टमर तमाम सवाल पूछ रहे हैं। भारत में चाइनीज फूड सबसे लोकप्रिय विदेशी व्यंजन हैं लेकिन लोग इन दिनों चाइनीज भोजन से बच रहे हैं।
मेड इन चाइना फूड प्रॉडक्ट्स के नए ऑर्डर रुके
हालत यह है कि चाइनीज फूड के कई इंपोर्टर्स ने अपनी खेप रोक दी है। फोरम ऑफ इंडियन फूड इंपोर्टर्स के के फाउंडर डायरेक्टर अमित लोहानी कहते हैं, 'इसका लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है।' कई चाइनीज रेस्तरां ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने मेड इन चाइना प्रॉडक्ट्स के नए ऑर्डर रोक दिए हैं और वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
देश की एक बड़ी होटल चेन के रीजनल डायरेक्टर फूड और शेफ शरद दीवान कहते हैं, 'आने वाले महीनों में चाइनीज फूड की किल्लत होगी। हमें जितना संभव हो सके दूसरे विकल्पों की ओर मुड़ना होगा और जब तक सप्लाइ बहाल नहीं होती है मेन्यू से कुछ डिशेज को हटाना होगा।'हालांकि चाइनीज रेस्तरां के कई शेफ किल्लत के डर को नकारते हैं क्योंकि उनके पास बफर स्टॉक रहता है। नई दिल्ली में एक चाइनीज रेस्तरां के शेफ यॉन्गलियांग वॉन्ग कहते हैं, 'कोई दिक्कत नहीं है, हमारे ज्यादातर आइटम थाइलैंड या बैंकॉक से आते हैं। लेकिन हम अभी सप्लायर्स और वेंडर्स को चेक कर रहे हैं, जिससे आने वाले हफ्तों में कोई समस्या न हो।'
चाइनीज फूज से कन्नी काट रहे कस्टमर
इस बीच कई रेस्तरां यह बात मान रहे हैं कि लोग चाइनीज फूड खाने से बच रहे हैं। वॉन्ग का कहना है, 'सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से मेहमान चाइनीज रेस्तरां आने से कन्नी काट रहे हैं।' लेकिन गोवा के एक फाइव स्टार डाइनिंग आउटलेट में चीजें सामान्य तरीके से चल रही हैं। एक शेफ ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'हमने अभी तक इससे कोई असर महसूस नहीं किया है।'
2019 में नैशनल रेस्तरां असोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि उत्तर भारतीय खाने के बाद 27 फीसदी लोग चाइनीज व्यंजनों को पसंदीदा डिश मानते हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत की फूड सर्विस इंडस्ट्री 4.2 लाख करोड़ के आसपास रहने का अनुमान है।मुंबई की एक हेल्थ ऑफिसर डॉ. पद्मजा केसर बताती हैं कि जब तक खाने को देर तक और अच्छी तरह पकाया जाता है, इंफेक्शन का खतरा न के बराबर होता है। लेकिन इकलौती समस्या यह है कि कपड़े, बर्तन और जो फर्निचर खाना पकाने के दौरान इस्तेमाल होता है उससे संक्रमण हो सकता है।