रायपुर
हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने तेजी से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। इस सिलसिले में सीबीआई ने समाज कल्याण विभाग के सचिव आर प्रसन्ना को पत्र लिखकर संस्थान के सारे दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा है। यही नहीं, रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी से संस्थान के रजिस्ट्रेशन का ब्यौरा लिया है। सीबीआई ने भोपाल में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। भोपाल से एक टीम आई हुई है। साथ ही साथ सीबीआई के रायपुर आॅफिस के अफसर भी जांच में जुटे हैं। अगले 2-3 दिनों में समाज कल्याण विभाग और संस्थान में कार्यरत अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
जानकारी मिली है कि सीबीआई ने निशक्तजन संस्थान के रजिस्ट्रेशन का ब्यौरा लिया है। इसके लिए रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी के अफसरों से जानकारी ली गई है। निशक्तजन संस्थान का एनजीओ के रूप में सोसायटी एक्ट के तहत वर्ष-2004 में गठन हुआ था। तब आधा दर्जन सचिव स्तर के अफसर संस्थान के पदेन सदस्य थे।
सूत्रों के मुताबिक इस बात की पड़ताल की जा रही है कि निशक्तजन संस्थान का रजिस्ट्रेशन विधिवत हुआ है, अथवा नहीं। सरकार को इसका अधिकार है या नहीं। क्योंकि शिकायतकर्ता ने संस्थान को ही फर्जी करार दिया है। इस बात की भी पड़ताल हो रही है कि संस्थान की गतिविधियां कितने जगहों पर संचालित हो रही है।
इस शिकायत की जांच हो रही है कि सभी 27 जिलों में संस्थान के दफ्तर है, जबकि प्रकरण में नामजद अफसरों ने हाईकोर्ट को बताया कि संस्थान सिर्फ रायपुर में ही चल रही है। बाकी जिलों में संस्थान का कोई दफ्तर नहीं है। कर्मचारियों की नियुक्ति की भी जांच हो रही है। यह भी पता चला है कि सीबीआई के अफसरों ने माना स्थित संस्थान के दफ्तर भी गए थे और वहां भी जांच पड़ताल हुई है। अभी तक किसी अफसर से पूछताछ नहीं हुई है। अगले 2-3 दिनों में समाज कल्याण विभाग और संस्थान में कार्यरत अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।