विदेश

 कामयाबी की नई इबारत लिख रहीं हिंदू लड़कियां

 
इस्लामाबाद

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर पर हिंदू महिलाएं उपेक्षा का शिकार रही हैं। लेकिन अब हिंदू महिलाएं कामयाबी की नई इबारत लिख रही हैं। पुष्पा कोहली इसकी ताजा मिसाल हैं। 29 साल की पुष्पा पाकिस्तान के कोहली समुदाय से आती हैं। उनका समुदाय पाकिस्तान में अनुसूचित जाति के दर्जे में आता है। उन्होंने सिंध में प्रविंशल कॉम्पिटिटिव एग्जाम पास किया है और सिंध पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बनी हैं।

इस साल जनवरी में ही सुमन पवन बोदानी ने भी इतिहास रचा। वह पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला सिविल जज बनी हैं। बोदानी सिंध के शाहदादकोट इलाके की रहने वाली हैं। उन्होंने सिविल जज/जुडिशल मैजिस्ट्रेट की परीक्षा में मेरिट लिस्ट में 54वां स्थान हासिल किया। पिछले साल कोहली समुदाय की एक अन्य महिला कृष्णा कुमारी पाकिस्तान की पहली सीनेटर बनीं।

ट्रिब्यून एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंध पुलिस में एएसआई बनीं पुष्पा ने पुलिस में भर्ती का सपना नहीं देखा था। उन्होंने 2014 में पाकिस्तान की डाउ यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से 'क्रिटिकल केयर' में ग्रैजुएशन किया। पिछले साल तक वह एक ट्रॉमा सेंटर में आईसीयू टेक्नॉलजिस्ट के तौर पर काम कर रही थीं। चिकित्सा के मैदान में आने से पहले पुष्पा अपने होम टाउन में एक एनजीओ 'मैरी स्टोप्स सोसायटी' के लिए काम करती थीं।

उन्होंने एक समाचार पत्र से बातचीत में कहा, 'चिकित्सा के पेशे में कई हिंदू लड़कियां हैं। मैंने सबसे हटकर कुछ अलग करने की सोचा। इसलिए ही मैंने पुलिस भर्ती के लिए आयोजित होने वाली पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा देने का फैसला किया।'

2018 में जब एएसआई की सिंध पुलिस में वेकंसी निकली थी तो पुष्पा ने आवेदन किया था। उन्होंने इस साल जनवरी में पब्लिक सर्विस कमिशन की लिखित परीक्षा दी। लिखित परीक्षा के बाद उन्होंने इंटरव्यू दिया। फिर दो हफ्ते बाद सफल अभ्यर्थियों की सूची आई जिसमें उनका नाम था।

पुष्पा यहीं रुकना नहीं चाहती हैं बल्कि उनका सपना कुछ और है। उन्होंने कहा, 'अब मैं क्रिमिनॉलजी में मास्टर डिग्री करना चाहती हूं। मैं अन्य परीक्षा भी देना चाहती हूं खासतौर पर जब डेप्युटी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस पद के लिए अगर सिंध सरकार वेकंसी निकालेगी तो परीक्षा दूंगी।'

उन्होंने कहा, 'पुलिस में शामिल होने के मेरे फैसले से अन्य लड़कियों और महिलाओं को भी हिम्मत और प्रेरणा मिल सकती हैं। वे भी पुलिस, थलसेना, वायुसेना या नौसेना में शामिल हो सकती हैं।'

पुष्पा का परिवार सिंध के मिरपुखाज जिले के समारो शहर में रहता है। मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली पुष्पा अपने पांच भाई-बहन में सबसे छोटी हैं। उनकी मां जनसंख्या कल्याण विभाग में परिवार नियोजन तकनीकी अफसर के तौर पर कार्यरत हैं। उनके पिता परचून की दुकान चलाते हैं। उनके माता-पिता ने अपने पांचों बच्चों को कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि उनके भाई-बहन भी उनकी तरह ही प्रतियोगी परीक्षा देना चाहते हैं। पुष्पा अपने पति नारायण दास के साथ अब कराची में रहती हैं। उनके पति बहरिया टाउन में सुपरवाइजर हैं।

उन्होंने बताया, 'उदारहरण के लिए मेरा भाई भारत कुमार स्कॉलरशिप पर दिल्ली पढ़ाई करने गया और साउथ एशिया यूनिवर्सिटी से अपनी मास्टर डिग्री पूरी की। मेरा मामा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वह ग्रेड 19 अफसर हैं।'
 

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