मध्य प्रदेश

नेता के साथ मिलकर SDM ने रची साजिश, ऑफिस पर करवाया हमला

छतरपुर
छतरपुर SDM दफ्तर पर बुधवार को हुए हमले में पुलिस ने SDM अनिल सपकाले को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि सपकाले ने ही एक यूनिवर्सिटी के संचालक को फंसाने के लिए इस हमले की साज़िश रची थी. इस साज़िश में उनके साथ बीजेपी नेता (BJP LEADERS) और कृष्णा यूनिवर्सिटी के संचालक शामिल थे. पुलिस ने बीजेपी नेता सहित 3 अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया है. एक आरोपी फरार है. सपकाले की गिरफ्तारी के बाद कमिश्नर ने उन्हें निलंबित कर दिया है.सपकाले की गिरफ्तारी के बाद कमिश्नर ने उन्हें निलंबित कर दिया है.

छतरपुर SDM दफ्तर पर बुधवार को हुए हमले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. उस हमले की साज़िश खुद एसडीएम अनिल सपकाले ने अपने साथियों के साथ मिलकर रची थी. पुलिस ने इस मामलेमें एसपी तिलक सिंह ने जांच के बाद इसका खुलासा किया है. मामले की जांच एएसपी जयराज कुबेर की टीम ने की थी. पता चला है कि एक यूनिवर्सिटी के संचालक को फंसाने के लिए ये साज़िश रची गयी थी. पुलिस ने इस मामले में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश मंत्री जावेद अख्तर और कृष्णा यूनिवर्सिटी संचालक पुष्पेंद्र गौतम सहित 3 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है. एसडीएम अनिल सपकाले पुलिस अभिरक्षा में हैं. एक अन्य आरोपी फरार है.

5 फरवरी को हुआ था हमला
SDM दफ्तर पर 5 फरवरी को हुए हमले के बाद पुलिस एसडीएम अनिल सपकाले से ही पूछताछ कर रही थी. शक की सुई सपकाले की ओर ही इशार कर रही थी. पुलिस आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी. एसडीएम अनिल सपकाले के निवास सर्किट हाउस में ही उनसे कड़े पहरे में पूछताछ की जा रही थी. इस हमले के पीछे कई नामचीन लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही थी.

सही निकला शक
घटना 5 फरवरी की है. जब सुबह 5 नकाबपोश अज्ञात बदमाशों ने एसडीएम कार्यालय में फायरिंग करते हुए उनके दफ्तर सहित गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी थी. प्रशासन को पहले आशंका थी कि यह घटना भू माफिया के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई नतीजा हो सकती है. इसकी वजह ये थी कि एसडीएम अनिल सपकाले ने हाल ही में एंटी भूमाफिया अभियान चलाकर करोड़ों की सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया था.

लामबंद हुए अफसरहमले की खबर जैसे ही फैली हमलावरों को जल्द पकड़ने की मांग को लेकर ज़िले के राजस्व अधिकारी और कर्मचारी सड़क पर उतर आए थे. उन लोगों ने एसडीएम कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक मार्च निकालकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा था. राजस्व अधिकारियों ने अल्टीमेटम दिया था कि 3 दिन के अंदर अगर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो पूरे जिले में राजस्व अधिकारी और कर्मचारी जिले में सभी काम बंद कर देंगे.

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