रायपुर
देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला 9 फरवरी से शुरू हो रहा हैं। मेले की तैयारी अंतिम चरण पर है। धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू लगातार मेला क्षेत्र का भ्रमण कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। उन्होेनें मौसम को ध्याान में रखते हुए वाटर प्रुफ पंडाल लगाने के निर्देश दिए है।
राजिम माघी पुन्नी मेला के तहत त्रिवेणी संगम पर रेत की अस्थायी सड़कों का निर्माण एवं राजिम को अन्य शहरों एवं गांवों से जोड़ने वाली सड़कों के मरम्मत का कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। जल संसाधन विभाग द्वारा विशेष पर्व स्नान के लिए कुण्ड निर्माण एवं नदी में पानी छोड़ने की तैयारी की गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा मेला क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था तथा अस्थायी शौचालय बनाए गए है।
धर्मस्व मंत्री ने निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग को मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था तथा डॉक्टरों की टीम हमेशा मौजूद रखने के निर्देश दिये हैं। खाद्य विभाग को 50 दाल-भात सेंटर संचालित करने, वन मण्डलाधिकारी को बांस-बल्ली उपलब्ध कराने, परिवहन विभाग को रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, महासमुन्द जिलों के सभी रूटों में नियमित और पर्याप्त मात्रा में बसों का संचालन करने, विद्युत विभाग को प्रकाश की समुचित व्यवस्था करने एवं पुलिस विभाग को मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही बसों में होमगार्ड की तैनाती करने की जिम्मेदारी दी गई है। मेला क्षेत्र में कपड़े एवं कागज के थैलों के उपयोग को प्रोत्साहित करने को कहा गया हैं।
राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक एवं लोक परम्पराओं पर आधारित कार्यक्रम की प्रमुखता रहेगी। राज्य के प्रमुख लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। मुख्य मंच पर प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक रंगारंग प्रस्तुति होगी। स्थानीय कलाकारों को भी मौका दिया जायेगा। स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रम शाम 5.30 बजे से रात्रि 8 बजे तक होंगे। मुख्य मंच के अलावा नीचे में भी मंच बनाया गया है, जहां मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ी संस्कृति और रीति रिवाजों से परिपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे। मेले में नाचा, पंडवानी, रामधुनी, सुआ नृत्य, भोजली, डंडा नृत्य, राउत नाचा, गेड़ी आकर्षण के केन्द्र होंगे। मेले में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को भी प्रदर्शित किया जाएगा। विभागीय प्रदर्शनी में कृषि, उद्यानिकी, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, वन, ग्रामोद्योग, हस्तशिल्प, आदिवासी विकास, पर्यटन, जनसंपर्क तथा जिला पंचायत के स्टाल लगेंगे।