आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि अगर हेल्दी और फिट रहना चाहते हैं तो खाने में तेल का इस्तेमाल कम मात्रा में करना चाहिए। ज्यादा ऑइली फूड हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है। लेकिन इसके साथ ही इस बात का भी आपको ध्यान रखना है कि आपके लिए कौन से तेल का प्रयोग करना फायदेमंद है। दरअसल, कुकिंग ऑइल हमारे खाने खासकर भारतीय खाने का सबसे अहम हिस्सा है क्योंकि स्टार्टर से लेकर मेन कोर्स तक हर खाने में तेल का इस्तेमाल होता है और तेल हमारे खाने में फ्लेवर डालता है। अगर आप सही तेल का चुनाव करते हैं तो आप हार्ट डिजीज, इंफेक्शन, कलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाला ब्लॉकेज, मोटापा, वेट गेन इस तरह की कई समस्याओं से बच सकते हैं।
ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का रेशियो हो अच्छा
ऐसा कुकिंग ऑइल खरीदें जिसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का रेशियो अच्छा हो। दरअसल, ओमेगा-3 के सोर्स काफी कम हैं। यह मछली, राजमा, अलसी और अखरोट आदि में मिलता है, जबकि ओमेगा-6 हर अनाज, दाल और तेल में होता है। ओमेगा-3 सरसों, कनोला, ऑलिव और सोयाबीन के तेल में ज्यादा होता है। वैसे, अलसी यानी फ्लैक्स सीड्स में 43 फीसदी तक ओमेगा-3 होता है। रोजाना एक चम्मच अलसी खाने से दिन भर की ओमेगा-3 की जरूरत पूरी हो जाती है।
बदल-बदल कर तेल खाना है सही
तेल बदल-बदल कर और कॉम्बिनेशन में इस्तेमाल करें। आप अपनी पसंद से कॉम्बिनेशन बना सकते हैं। इससे शरीर को सभी जरूरी फैटी ऐसिड्स मिल जाते हैं। फिर भी खासियतों के आधार पर सरसों का तेल, कनोला ऑइल, ऑलिव ऑइल, सोयाबीन के तेल को अच्छा माना जाता है। तलने के लिए ऐसा तेल यूज करें, जिसका स्मोकिंग पॉइंट ज्यादा हो। इस लिहाज से कनोला, सरसों, मूंगफली आदि के तेल को तलने के लिए अच्छा मान सकते हैं।
किस तेल को खाने से शरीर को होगा कौन सा फायदा
तिल का तेल: यह तेल डायबीटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे आप अनीमिया, कैंसर, तनाव और शुगर से बचे रहते हैं।
ऐवकाडो ऑइल
विटमिन और ऐंटीऑक्सिडेंट मौजूद होने से यह तेल त्वचा की बीमारियों को दूर करने का काम करता है। इस तेल के इस्तेमाल से मोटापा, गठिया और सूजन की समस्या से काफी हद तक राहत मिलती है।
राइस ब्रैन ऑइल (चावल की भूसी से बना तेल)
इस तेल में विटमिन ई, ऐसिड और ऐंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है, जो कलेस्ट्रॉल को संतुलित रखता है।
ऑलिव ऑइल
ऑलिव ऑइल हाई बीपी वालों के लिए फायदेमंद है। इस तेल का इस्तेमाल करने से डिप्रेशन, कैंसर, डायबीटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
सूरजमुखी का तेल
सूरजमुखी के तेल में विटमिन ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे फैट बर्न होता है और हार्ट स्ट्रॉन्ग बना रहता है।
तेल खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
– कोई भी तेल की बोतल उठाने से पहले उसका लेबल गौर से देखें। अच्छे तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के बीच 1:2 का रेशियो होना चाहिए।- तेल की बोतल पर जीरो ट्रांस फैट लिखा होना जरूरी। साथ ही, नॉन हाइड्रोजिनेटिड और नॉन पीएचवीओ भी लिखा हो।- बोतल पर कोल्ड कंप्रेस्ड ऑइल लिखा हो।- ध्यान रखें कि 1 साल से पुराना तेल और 6 महीने से ज्यादा पुराना देसी घी इस्तेमाल न करें।