नई दिल्ली
देश में पहली बार लेह और सियाचिन की जानलेवा ठंड से सैनिकों को बचाने वाले बेहद खास सूट को तैयार किया गया है। कानपुर में आईआईटी के पूर्व छात्र और डिफेंस उद्यमी द्वारा तैयार इस सूट को पहली बार डिफेंस एक्सपो में पेश किया गया। पहले ही दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सूट की सराहना की। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एमओयू भी साइन कर लिया।
भीषण ठंड से सैनिकों की रक्षा करने वाले सूट का फिलहाल आयात किया जाता है। आस्ट्रिया, कनाडा, नीदरलैंड और यूएसए से ऐसे सूट भारत आयात करता है। इनकी कीमत एक लाख रुपये से ज्यादा है, लेकिन डिफेंस उद्यमी मयंक श्रीवास्तव ने इसे केवल 17 हजार रुपये में तैयार कर दिया। आयातित कीमत से 83 फीसदी सस्ते एक्सट्रीम कोल्ड वेदर सूट की मांग लगातार बढ़ रही है। खासतौर पर पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है।
आयात प्रक्रिया में लंबा समय लगने की वजह से इनकी आपूर्ति भी मांग के अनुरूप नहीं हो पाती है। पहली बार मेक इंडिया इंडिया के तहत तैयार इस उत्पाद से सेना की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और आपूर्ति में भी अड़चनें नहीं आएंगी। यही वजह थी कि एक्सपो के पहले दिन केंद्र ने जिन 27 कंपनियों के साथ समझौते किए, उसमें से एक इस सूट को बनाने वाली कंपनी भी है।
ये है खासियत
मल्टी लेयर और बेहद हल्के खास किस्म के कपड़े से तैयार ये सूट सैनिकों को माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी सुरक्षित रखेगा। अल्ट्रा वायलट किरणों से बचाता है। बेहद हल्के होने के साथ-साथ शरीर को तरोताजा रखता है। आईआईटी इंजीनियर और एनसीएफडी के प्रबंध निदेशक मयंक श्रीवास्तव ने बताया कि इस सूट की ऊपरी सतह पानी और बर्फीली हवाओं से बचाव करती है और साथ में इंसूलेशन का भी काम करती है। बीच की सतह भी इंसुलेशन का काम करने के साथ कई अन्य तरह से शरीर की रक्षा करती है। सबसे निचली सतह थर्मोस्टेट से लैस है।