खेल

घोड़े की वजह से ओलंपिक में हो सकता है बवाल, फिर आमने-सामने भारत-पाकिस्तान

नई दिल्ली
भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा ने जिस इवेंट में टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाइ किया है, उसी इक्वेस्ट्रियन इवेंट में क्वालीफाइ कर पाकिस्तानी घुड़सवार उस्मान खान ने इतिहास रच दिया था। वह इस खेल में अपने देश की नुमाइंगी करने वाले पहले घुड़सवार बन चुके हैं, लेकिन जिस घोड़े के साथ वह अपने देश को पहला पदक दिलाने की आस लगाए बैठे हैं, अब उसका नाम गहरे विवादों में फंसता नजर आ रहा है। दरअसल, उस्मान खान के घोड़े का नाम 'आजाद कश्मीर' है, जिसे लेकर भारतीय ओलंपिक संघ ने एतराज जताया है।

घोड़ों का ब्यौरा रखने वाली संस्था इंटरनेशनल इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन (FEI) के मुताबिक उस्मान ने अप्रैल 2019 में ऑस्ट्रेलिया के बेलिंडा इसिबिस्टर से "हियर-टू-स्टे" नामक एक 12 वर्षीय बे-कोल प्रजाति का घोड़ा खरीदा और उसका नाम बदलकर आजाद कश्मीर रख दिया। अब उस्मान इसी घोड़ों पर सवार होकर टोक्यो ओलंपिक में उतरना चाहते हैं। इसकी जानकारी लगते ही भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने आपत्ति ली है। वह जल्द ही अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) में शिकायत दर्ज करवा सकता है।

पूरा मामला ओलंपिक चार्टर नियम 50 के अंतर्गत आता है, जहां किसी भी इशारे या वस्तु से किसी राष्ट्र की धार्मिक, राजनैतिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाया जा सकता। अगर इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है तो आरोपी देश का ओलंपिक कोटा रद्द किया जा सकता है। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा, 'किसी भी कीमत पर ओलंपिक में राजनीतिक तटस्थता बनाए रखनी होगी। लोगों को खेलों में शरारत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।'

इस बीच, इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान (EFP) के एक अधिकारी ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने औपचारिक शिकायत दर्ज की है, तो हम उस्मान खान से इस मामले को लेकर बात करेंगे क्योंकि घोड़े का नाम उन्होंने ही चुना है और इसी घोड़े के साथ ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ भी किया है इसलिए मुझे नहीं लगता कि घोड़े का नाम इस समय बदला जा सकता है।' यह पूछे जाने पर कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति अगर उस्मान को ओलंपिक में राजनीतिक बयान देने से रोकती है, तो उनका महासंघ क्या रुख लेगा, जाफर ने कहा कि घोड़ा तब अपनी FEI पहचान के साथ भाग लेगा, लेकिन इसके पहले हम उस्मान की भी राय लेंगे। बता दें कि FEI एक यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक कोड होता है, प्रतियोगिता में दौड़ने वाले घोड़ों को उनके नाम से इतर एक पहचान देता है।

1947 में अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध में कश्मीर दो हिस्सों में बंट गया। कश्मीर का जो हिस्सा भारत से लगा हुआ था, वह जम्मू-कश्मीर नाम से भारत का एक सूबा हो गया, वहीं कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सटा हुआ था, वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी (PoK) कहलाया। PoK को लेकर पाकिस्तान की दोहरी नीति है। एक तरफ तो वह इसे आजाद कश्मीर कहता है तो दूसरी ओर यहां यहां पर बाहरी लोगों को बसा दिया गया है। आजाद कश्मीर के नाम पर एक प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया है। पाकिस्तान इसे आजाद कश्मीर के तौर पर विश्व मंच पर पेश करता है, जबकि भारत इसे गुलाम कश्मीर कहता है।

 

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