गुरुग्राम
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) कृष्णकांत की पत्नी और बेटे की हत्या मामले में गुरुग्राम की कोर्ट ने 13 महीने बाद गुरुवार को गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी गनर महिपाल को दोषी करार दिया है। महिपाल की सजा पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। महिपाल जज कृष्णकांत के गनर के तौर पर उनकी सुरक्षा में तैनात था।
कड़ी सुरक्षा के बीच महिपाल को हथकड़ी पहनाकर कोर्ट में पेश किया गया। फैसला सुनने के लिए गुरुवार को महिपाल के मामा और मौसी भी कोर्ट में पहुंचे। दोषी करार दिए जाने के बाद महिपाल के चेहरे पर दुख साफ झलक रहा था।
दोपहर तीन बजे सुनाया गया फैसला
जिला उप न्यायवादी अनुराग हुड्डा और उनकी मदद करने वाले वकील विशाल गुप्ता ने बताया कि गुरुग्राम के अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार ने गनर महिपाल को एडीजे की पत्नी और बेटे की हत्या में दोषी करार दिया है। दोषी करार देने के समय महिपाल और उसके वकील भी कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने दोपहर तीन बजे महिपाल को आईपीसी की धारा 302, 201 और ऑर्म्स एक्ट -27 के तहत दोषी करार दिया। शुक्रवार को कोर्ट में सुबह ग्यारह बजे सजा पर सुनवाई होगी।
कब हुई थी घटना
जिला अदालत में कार्यरत तत्कालीन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत की पत्नी रितु और बेटे ध्रुव 13 अक्टूब 2018 को सरकारी गनर महीपाल के साथ कार में गुरुग्राम के सेक्टर-49 स्थित आर्केडिया मार्किट में खरीददारी करने के लिए गए थे। जब वे खरीददारी कर वापस आए तो सुरक्षाकर्मी महिपाल उन्हें कार के पास नहीं मिला था। काफी देर बाद जब महिपाल आया तो मां-बेटे ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी। इससे गुस्साए महिपाल ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से दोनों के ऊपर गोलियां चला दी थीं, जिससे वे गंभीर रुप से घायल हो गए थे। रितु ने घटना के कुछ घंटे बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जबकि गंभीर रूप से घायल ध्रुव की इलाज के दौरान कई दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई थी।