सीबीएसई परीक्षा 2020: 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में बदलाव करेगा CBSE, नहीं दिखेगा फेल और कंपार्टमेंट शब्द

 पटना
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं के अंकपत्र (मार्क्सशीट) पर अब फेल या कंपार्टमेंट नहीं लिखा रहेगा। सत्र 2020 के रिजल्ट में अंक पत्र पर ये बदलाव सीबीएसई करने जा रहा है। इसके साथ ही बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों के प्राचार्य से जानकारी मांगी है कि फेल या कंपार्टमेंट की जगह किन शब्दों का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए सुझाव देते हुए कहा है कि शब्द ऐसा हो जिससे बच्चों के मन में नकारात्मक भाव ना आए। इस शब्द को पढ़ने के बाद असफल होने की बात तो पता चले पर भविष्य में सफल होने का उत्साह भी बना रहे। 

ज्ञात हो कि सीबीएसई जब रिजल्ट जारी करता है तो सभी परीक्षार्थियों को रिजल्ट देता है। इसमें उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण दोनों विद्यार्थी शामिल होते हैं। इसके अलावा वे विद्यार्थी भी शामिल होते हैं जो एक या दो विषय में फेल हो जाते हैं और उन्हें कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होना होता है। लेकिन अब जो छात्र अनुत्तीर्ण हो जायेंगे, उन्हें अंक पत्र तो दिये जायेंगे लेकिन उसमें फेल या कंपार्टमेंट शब्द नहीं लिखा रहेगा। 

– कंपार्टमेंटल की जगह सप्लीमेंट्री, सेकेंड एग्जाम, विशेष परीक्षा हो सकती है 
बोर्ड की मानें तो कंपार्टमेंटल की जगह वहां पर सप्लीमेंट्री परीक्षा जैसे शब्द लिखे जा सकते हैं। इसके अलावा सेकेंड एग्जाम या विशेष परीक्षा का भी नाम कंपार्टमेंटल परीक्षा को दिया जा सकता है। इसके अलावा फेल शब्द की जगह नॉट-क्वालीफाई (अयोग्य) जैसे शब्द दिये जा सकते हैं। जिन शब्द पर प्राचार्यों की सलाह अधिक आयेगी, उसे लागू किया जायेगा। सभी प्राचार्य को चार शब्द भेजने है। 

– असफलता के अहसास से बच्चे होते हैं डिप्रेशन के शिकार 
बोर्ड ने प्राचार्य को लिखे पत्र में बताया है कि अगर एक बार बच्चे को असफल होने का अहसास हो जाता है तो बच्चों को उसमें से निकालना बहुत कठिन होता है। वो डिप्रेशन में चले जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब वो आगे भविष्य में कुछ नहीं कर पायेंगे। ऐसे में बच्चों को उत्साह देने की जरूरत है। 

– स्कूल स्तर पर होने वाली वार्षिक परीक्षा रिजल्ट में भी होगा लागू 
बोर्ड की मानें तो बोर्ड रिजल्ट के अलावा इसे स्कूल की वार्षिक परीक्षा में भी लागू किया जायेगा। स्कूल स्तर पर भी अंक पत्र या रिपोर्ट कार्ड में फेल शब्द को हटाने की तैयारी है। लेकिन यह पहले बोर्ड रिजल्ट में लागू किया जायेगा। 

– ग्रेडिंग के बदले अब अंकों में दिये जाते हैं रिजल्ट 
बोर्ड की मानें तो 2009 में बोर्ड का रिजल्ट ग्रेडिंग में देना शुरू किया गया था लेकिन इसमें 2018 में बदलाव कर दिया गया। 2018 का रिजल्ट अंकों में दिया जाने लगा। ग्रेडिंग सिस्टम में फेल-पास नहीं लिखा रहता था। केवल ए से लेकर ई तक की ग्रेडिंग दी जाती थी। 

संयम भारद्वाज (परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई) ने कहा- कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो केवल निगेटिव होने का अहसास दिलाते हैं। खासकर बच्चों पर उसका असर काफी होता है। इसलिए यह बदलाव जरूरी है। 2020 के बोर्ड के अंक पत्र में इसे हटाया जायेगा। 

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