नई दिल्ली
एयर एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टोनी फर्नांडीस और चेयरमैन कमरुद्दीन मेरानुन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आरोप है कि यूरोप की एयरोस्पेस कंपनी एयरबस ने ऑर्डर हासिल करने के लिए इन दोनों अधिकारियों को 50 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी.
इसी आरोप के खुलासे के बाद एयर एशिया ने टोनी फर्नांडीस और कमरुद्दीन मेरानुन को 2 महीने के लिए पद से हटा दिया है. यह समय आगे और भी बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि ब्रिटेन के सीरियस फ्रॉड ऑफिस (एसएफओ) एयरबस से जुड़े इस मामले की जांच कर रहा है. एयरबस ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका में भ्रष्टाचार की जांच के मामलों को सेटल करने के लिए 3.6 अरब यूरो (2,830 करोड़ रुपये) चुकाने को तैयार है.
बहरहाल, इन आरोपों के बाद एयर एशिया और यूनिट एयर एशिया X के शेयर गिर गए. एयरएशिया के स्टॉक मई 2016 के बाद से 11 फीसदी लुढ़क गए. वहीं AirAsia X में 12 फीसदी की गिरावट आई. हालांकि, टोनी फर्नांडिस और कमरुद्दीन मेरानुन ने इन आरोपों को गलत बताया है.
2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा
बता दें कि ईडी ने एयर एशिया और इसके अधिकारियों के खिलाफ 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था. एयर एशिया पर आरोप है कि उसने अपनी भारतीय कंपनी एयर एशिया इंडिया लिमिटेड को अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस दिलाने के लिए सरकारी नीतियों को गलत तरीकों से प्रभावित करने की कोशिशें की हैं.
ईडी की जांच इसी आरोप से जुड़ी है. इस आरोप के मद्देनजर सीबीआई की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ईडी ने जांच शुरू की. विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत भी इस मामले में ईडी की जांच चल रही है. इस मामले में समन भी जारी किया गया था.