नई दिल्ली
बजट के बाद मोदी सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए राहत की खबर आई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी महीने में देश की विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग ) गतिविधियां आठ साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. इसकी वजह से उत्पादन और नौकरियों से जुड़ी गतिविधियों में भी सुधार हो रहा है.
आईएचएस मार्किट सोमवार को जारी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. ऐसा लगता है कि मांग में सुधार का असर दिख रहा है. आर्थिक विकास दर में सुस्ती, निवेश और मांग के मोर्चे पर मौजूदा चुनौतियों के बीच मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुधार सकारात्मक संकेत देखने को मिले हैं.
क्या है सर्वे की डिटेल
कंपनियों के परचेजिंग मैनेजर के बीच किए जाने वाले मासिक सर्वे आईएचएस मार्किट मैन्युफैक्चरिंग का पीएमआई इंडेक्स जनवरी में 55.3 अंक रहा है. यह 2012 से 2020 की अवधि में इसका सबसे ऊंचा स्तर है. इससे पहले दिसंबर में यह 52.7 अंक था, जबकि साल भर पहले जनवरी 2019 में यह आंकड़ा 53.9 अंक था. यह लगातार 30वां महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के उच्च स्तर पर रहने की अहम वजह मांग में सुधार होना है. इसकी वजह से नए ऑर्डर मिलने, उत्पादन, निर्यात और विनिर्माण के लिए खरीदारी और रोजगार में बढ़त देखी गई है. साथ ही कारोबारी धारणा में भी सुधार हुआ है. आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लिमा ने कहा, ' जनवरी में देश में विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है.'
नए ऑर्डर में मजबूती
सर्वे में कंपनियों ने माना कि नए ऑर्डर मिलने में जो मजबूती देखी गई है वह पिछले पांच साल की अवधि में नहीं देखी गई. इसकी प्रमुख वजह मांग का बढ़ना और ग्राहक की जरूरतों का सुधार होना है. कंपनियों की कुल बिक्री में विदेशी बाजारों से बढ़ी मांग की अहम भूमिका है. यह नवंबर 2018 के बाद निर्यात के नए ऑर्डरों में सबसे तेज बढ़त है. वहीं रोजगार के स्तर पर जनवरी में रोजगार गतिविधियों में भी सुधार देखा गया है. इस क्षेत्र में रोजगार की दर पिछले साढ़े सात साल में सबसे तेज है.